मूली में विटामिन बी6, फोलेट और विटामिन सी होता। लेकिन, इसमें कुछ खास डिटॉक्सीफाइंग एजेंट भी होते हैं जो कि यूरिक एसिड की समस्या में फायदेमंद हो सकता हैं।
यूरिक एसिड की समस्या में लोगों को ज्यादा ये ज्यादा हाई प्यूरिन वाले फूड्स के सेवन से बचना चाहिए। ऐसे में क्या मूली का सेवन फायदेमंद है।
यूरिक एसिड के मरीजों के लिए मूली का सेवन फायदेमंद है।
दरअसल, ये एक अच्छी सब्जी है क्योंकि इसमें प्यूरीन की मात्रा कम होती है। ये कम कैलोरी वाला, हाई फाइबर और विटामिन सी से भरपूर फूड है।
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एक कप कच्ची मूली के स्लाइस में लगभग 20 कैलोरी, 2 ग्राम फाइबर और लगभग 17 मिलीग्राम विटामिन सी होता है। इसके अलावा नियमित रूप से इसे खाने से यूरिक एसिड की समस्या कम हो सकती है।
यूरिक एसिड में मूली के बेमिसाल फायदे
- शरीर से डिटॉक्स कर सकता है प्यूरिन:-
मूली में इंडोल-3-कारबिनोल और 4-मिथाइलथियो-3-ब्यूटेनाइल-आइसोथियोसाइनेट होता है, जो मुख्य रूप से लिवर को डिटॉक्सीफाई करने का काम करता है।
लेकिन, इसकी खास बात ये है प्यूरिन पचाने और किडनी से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद कर सकता है।
इस तरह ये शरीर में भोजन से निकले वाले प्यूरिन की मात्रा को कम करने में मददगार है।
- यूरिक एसिड क्रिस्टल को बनने से रोकता है:-
यूरिक एसिड बढ़ने पर प्यूरिन क्रिस्टल के रूप में हड्डियों और जोड़ों में जमा हो जाता है। ये गाउट की समस्या को बढ़ाता है। ऐसे में मूली खाना खून से अतिरिक्त यूरिक एसिड को हटाने में किडनी की मदद कर सकता है और यूरिक एसिड क्रिस्टल के गठन को रोक सकता है।
इससे गाउट की समस्या में कमी आती है।
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यूरिक एसिड में मूली का सेवन कैसे करें:-
यूरिक एसिड में मूली का सेवन के दो तरीके हैं। पहला तो मूली को यूं ही कच्चा खाएं। दूसरा अजवाइन के साथ इसका जूस तैयार करें और रोजाना खाली पेट इसका सेवन करें।