उत्तराखंड सरकार ने बैठकों में बुके की परंपरा और बीच में चाय परोशने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही बैठकों के एजेंडों पर बनी सहमति के बिंदु भी हर हाल में अगले दिन जारी करने होंगे। मुख्य सचिव डा. एसएस संधु ने सभी अफसरों को सरकारी बैठकों को परिणामदायक बनाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
मुख्य सचिव संधु ने कहा कि शासन स्तर अथवा फील्ड स्तर पर होने वाली बैठकों के दौरान देखा गया कि आयोजक विभाग पूरी तैयारियों के साथ नहीं पहुंचते हैं। वहीं बैठकों में स्वागत में भी समय जाया करते हैं। इसके साथ ही बैठकों के एजेंडे के प्रस्तुतीकरण में भी ज्यादा समय लगा रहे है।
यह परंपरा बिल्कुल गलत है। इससे बैठकों के बिंदुओं पर पर्याप्त चर्चा नहीं हो पाती है। उन्होंने कहा कि भविष्य में जो भी बैठकें होंगे, उनमें बुके भेंट नहीं किया जाएगा। अपरिहार्य स्थितियों के बाद ही बैठक के दौरान बीच में पानी दिया जाएगा। संधु ने कहा कि बैठकों के वक्त जलपान सामग्री पर अपव्यय ही होता है और इससे चर्चा भी बाधित होती है।
बैठकों के बाहर अन्य स्थान पर पेयजल व चाय की व्यवस्था रखी जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि एजेंडा से संबंधित प्रस्तुतीकरण को बुलेट प्वाइंट, ग्राफिक्स, सांकेतिक छाया चित्रों और न्यूनतम आंकड़ों के साथ तैयार किया जाए। बैठकों को यथासंभव नियत समय के भीतर खत्म करने और सहमति व असहमति के बिंदुओं को अगले दिन अनिवार्य रूप से जारी करने की भी हिदायत दी है।
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