उत्तराखण्डरुद्रप्रयाग

उत्तरखंड में जोशीमठ के बाद अब रुद्रप्रयाग के इस गांव में भू-धसाव:

जोशीमठ के बाद रुद्रप्रयाग के गांवों में भी विनाश के दिन दिखने शुरू हो गए है एक तरफ जोशीमठ की तस्वीरें दिल दहला दे रही है तो उसी बीच अब कुछ तस्वीरें रुद्रप्रयाग से भी सामने आ रही है।

जो आपदा का संकेत दे रही है l आपको बता दें कि उत्तराखंड में इस वक्त रेलवे सुरंगों का काम चल रहा है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल निर्माण का कार्य चल रहा है।

पहाड़ों में ज्यादातर जगहों पर रेल टनलों से होकर गुजरेगी।

रुद्रप्रयाग के के मरोड़ा गांव के नीचे भी टनल का निर्माण कार्य चल रहा है।

टनल निर्माण के चलते मरोड़ा गांव के घरों में दरारें पड़ चुकी हैं।

गांव वालों का कहना है कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण की वजह से पूरा गांव आपदा की चपेट में है।

गांव के नीचे टनल निर्माण हो रहा है।

इस वजह से कई घर जमींदोज हो चुके हैं।

कई घर ढहने होने की कगार पर हैं।

जिन परिवारों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला, वो पल पल डर के साये में जीने को मजबूर हैं।

गांव के लोगों को जल्द से जल्द विस्थापित नहीं किया गया, तो बहुत बड़ी हानि हो सकती है।

स्थिति ऐसी विकराल है कि गांव पर कभी भी कहर टूट सकता है।

ग्रामीणों का कहना है कि उनके पुश्तैनी मकान उनकी आंखों के सामने जमींदोज हो रहे हैं।

उनका विस्थापन किया जा रहा है और मानकों के अनुसार उन्हें मुआवजा नहीं दिया जा रहा है।

गांव की महिलाएं लाचार हैं और रेल लाइन का निर्माण कार्य कर रही कार्यदायी संस्था पर कई तरह के आरोप लगा रही हैं।

बताया जाता है कि कभी मरोड़ा गांव में 35 से 40 परिवार रहते थे।

अब मात्र 15 से 20 परिवार रह गये हैं।

जो परिवार यहां रह भी रहे हैं, उनके साथ कभी भी कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित का कहना है कि जो विस्थापित परिवार हैं, उनको शीघ्र ही मुआवजा दिया जायेगा।

 

 

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