अब तक लगभग डेढ़ करोड़ टैक्सपेयर्स ने अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर दिया है. उनमें से लगभग 40 लाख इनकम टैक्स रिटर्न को अब तक प्रोसेस किया जा चुका है।
इनकम टैक्स रिटर्न भरने की डेडलाइन धीरे-धीरे करीब आ रही है. वित्त वर्ष 2023-24 या असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख इस महीने के साथ समाप्त हो रही है. इसके साथ ही रिटर्न फाइलिंग में तेजी आने लगी है और साथ ही डिपार्टमेंट भी तेजी से रिटर्न को प्रोसेस करने लगा है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पोर्टल पर उपलब्ध डैशबोर्ड के अनुसार, अब तक 12 करोड़ से ज्यादा टैक्सपेयर्स ने खुद को रजिस्टर कराया है. वहीं अब तक 1 करोड़ 42 लाख से ज्यादा रिटर्न फाइल किए जा चुके हैं।
टैक्सपेयर्स ने 1 करोड़ 33 लाख से ज्यादा फाइल्ड रिटर्न को अपनी ओर से वेरिफाई भी कर दिया है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से उनमें से करीब 40 लाख रिटर्न प्रोसेस किए जा चुके हैं।
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इनकम टैक्स रिटर्न को डिपार्टमेंट की ओर से प्रोसेस किए जाने के बाद टैक्सपेयर्स को रिफंड मिलने लगता है. अगर आप भी वित्त वर्ष 2023-24 यानी आकलन वर्ष 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर चुके हैं और अब रिफंड का इंतजार कर रहे हैं तो हम आज आपको ये बताने वाले हैं कि आपका इंतजार कितना लंबा होने वाला है, यानी आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से रिफंड के पैसे कब तक भेजे जाने वाले हैं।
इनकम टैक्स रिटर्न की फाइलिंग में एक जरूरी स्टेप वेरिफिकेशन का होता है. टैक्सपेयर्स को रिटर्न फाइल करने के बाद उसे वेरिफाई करना होता है।
यह सुविधा अब ऑनलाइन भी उपलब्ध है, जिसे ई-वेरिफाई कहा जाता है. रिटर्न को वेरिफाई किए जाने के बाद उसे प्रोसेस होने में आम तौर पर 15 से 45 दिन का समय लगता है. अगर वेरिफिकेशन ऑफलाइन तरीके से करेंगे तो प्रोसेस होने में ज्यादा समय लग सकता है।
इनकम टैक्स रिटर्न में टैक्सपेयर पूरे साल के दौरान हुई टैक्स की कटौती और भुगतान की जानकारी देते हैं. अगरी संबंधित अवधि में टैक्सपेयर पर जितनी टैक्स की देनदारी बनती है, उससे ज्यादा टैक्स का भुगतान हुआ है तो रिटर्न के जरिए रिफंड क्लेम किया जाता है।
यही कारण है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट हर रिटर्न को सावधानी से वेरिफाई करता है. अगर आपके द्वारा किए गए क्लेम की जानकारी फॉर्म-16 में दर्ज है तो प्रोसेस होने में कम समय लगता है।
फॉर्म-16 में जानकारी अपडेट नहीं होने पर प्रोसेसिंग का समय बढ़ जाता है. रिटर्न को प्रोसेस होने के बाद टैक्सपेयर के बैंक अकाउंट में रिफंड का पैसा क्रेडिट कर दिया जाता है।