टीम के सदस्य आपदा प्रभावित गांवों में जाना चाहते थे, लेकिन आपदा के तीसरे दिन भी उन्हें गांव का कुछ आइडिया नहीं था।
टीम में शामिल एक पुलिसकर्मी ने स्थानीय लोगों से रास्ता पूछा। वे लोग देहरादून वाले हिस्से से गाड़ी से जाना चाहते हैं, क्योंकि टिहरी वाले हिस्से में सड़क बंद है।
पता चला कि ऊपर पुल नहीं है। वह नदी पार नहीं जा सकेंगे। ऐसे में उन्हें लालपुल से पैदल ही निकलना पड़ा।
सौंग नदी क्षेत्र में सड़कें बंद, राशन का संकट टिहरी के हिस्से वाले प्रस्तावित सौंग बांध क्षेत्र के सौंदणा, तौलिया काटल, ग्वाड़ी डांटा में भी राशन का संकट है।
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मालदेवता से सौंग नदी के किनारे होकर आ रही बह गई है।
कुमल्डा की तरफ से आ रही सड़क भी बंद है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे।
रगड़गांव स्कूल को भी नुकसान पहुंचा है। प्रधान प्रतिनिधि दिगंबर सिंह पंवार ने बताया कि रविवार को एसडीआरएफ ने राशन पहुंचाया। सोमवार को कोई नहीं आया।
अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी प्रभावित गांवों तक भी नहीं पहुंचे। बिजली बहाल नहीं हुई। ग्वाड़ी में घर बहे हैं। स्कूल में लोगों ने शरण ले रखी है।
सब्जी, माचिस से लेकर पानी तक पहुंचाया है। ग्रामीणों को मदद नहीं मिलने की बात गलत है। टिहरी क्षेत्र में भी राहत कार्य तेजी से चल रहा है। देहरादून प्रशासन के संपर्क में हैं।
सीतापुर क्षेत्र में उनकी मदद से पॉकलैंड से काम भी कराया है। क्षेत्र के 45 तोकों की बिजली चली गई थी, 25 में सुचारु कर दी है। पानी भी 17 तोकों तक पहुंचा दिया है। सड़कों को खोलने का काम लगातार जारी है।