हल्द्वानी हिंसा पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बड़ा बयान…..
हल्द्वानी हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार सुबह उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की।
उन्होंने कहा कि पुलिस को अराजक तत्वों से सख़्ती से निपटने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।
आगजनी पथराव करने वाले एक-एक दंगाई की पहचान की जा रही है, सौहार्द और शांति बिगाड़ने वाले किसी भी उपद्रवी को बख्शा नहीं जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कोई भी दंगाई बच नहीं पाएगा. एक-एक दंगाई की पहचान की जा रही है।
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सीसीटीवी फुटेज खंगाला जा रहा है. इसके अलावा, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।
हल्द्वानी हिंसा पर DM वंदना का बड़ा दावा
हल्द्वानी में हुई हिंसा को लेकर नैनीताल की डीएम वंदना ने शुक्रवार सुबह को विस्तार से जानकारी दी। डीएम ने कहा कि कोर्ट के आदेश पर नगर निगम की टीम अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चला रही थी।
उन्होंने कहा कि किसी को टारगेट नहीं किया गया और ना ही दोनों ढांचे किसी धार्मिक या शैक्षणिक स्थल के रूप में पंजीकृत थे।
डीएम ने भीड़ की ओर से की गई हिंसा की जानकारी देते हुए बताया कि थाने पर भी हमला किया गया और पुलिसकर्मियों को जिंदा जालने की कोशिश की गई।
डीएम वंदना सिंह ने कहा आधिकारिक तौर पर दो मौतों की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में चार मौतों की सूचना मिली थी, लेकिन बाद में वेरिफाई किया तो पता चला कि दो लोगों की मोत हुई है।
कृष्णा अस्पताल में दो शव पहुंचे थे। इन्हें रिसीव नहीं किया गया और एसटीएच भेज दिया गया। दोनों जगह गिनती हो जाने की वजह से चार शव बताने की कंफ्यूजन हुई थी।
डीएम ने कहा कि थाने को पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया। पुलिस-प्रशासन और नगर निगम की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया।
पत्रकारों की गाड़ियों को भी जलाया गया है। डीएम ने साफ किया कि यह सांप्रदायिक घटना नहीं है, बल्कि स्टेट मशीनरी को टारगेट और चैलेंज किया गया।
उन्होंने कहा कि नुकसान का वृस्तृत आकलन किया जा रहा है। उन्होंने उपद्रवियों के खिलाफ सख्त ऐक्शन की चेतावनी भी दी।
डीएम ने कहा कि थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों और अफसरों को जिंदा जलाने की कोशिश भी की गई। वंदना सिंह ने कहा, ‘जब पेट्रोल बम फेंके गए , आगजनी की घटनाएं शुरू हुईं और उसके बाद भी टीमें पीछे नहीं हटीं तो भीड़ ने थाने का घेराव किया।
थाने में मजिस्ट्रेट थे, पुलिसकर्मी थे। अधिकारी थे और हथियार थे। थाने में बैठे लोगों को बाहर नहीं निकलने दिया गया। पहले पथराव किया गया और फिर पेट्रोल बम फेंके गए।
वाहनों में आग लगा दी गई। धुआं थाने में भर गया। थाने के भीतर लोगों का दम घुटने लगा। लोगों को वहां से हटने की चेतावनी दी गई।
पानी की की बौछार भी की गई ताकि आग बुझाई जा सके। जब भीड़ नहीं हटीं तो हथियारों से फायरिंग की गई। इसके बाद फोर्स इस्तेमाल करने का आदेश दिया गया। कर्फ्यू लगाया गया। कमर के नीचे गोली मारने का आदेश दिया गया स्थिति को देखते हुए।
हल्द्वानी में हुई हिंसा के बाद से शहर में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है. कर्फ्यू भी लगा दिया गया है. इस हिंसा में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
उपद्रवियों ने बनभूलपुरा इलाके में 7 से अधिक मीडियाकर्मियों की गाड़ियों पर आग लगा दी. हल्द्वानी शहर में गुरुवार शाम हिंसा भड़क गई।
गुरुवार दोपहर 2 बजे 600 से ज्यादा पुलिसकर्मी बनभूलपुरा थाने पर इकट्ठा हुए. शहर के मलिक का बगीचा में स्थित अवैध मदरसा और नमाज स्थल को तोड़ने के लिए नगर निगम के कर्मचारी और पुलिसकर्मी आगे बढ़े।
उसी दौरान शाम 4 बजे इलाके के स्थानीय लोगों ने पुलिस पर तीन तरफ से पत्थरबाजी और हमला कर दिया. पुलिसकर्मी बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाकर वहां से भागे. हर गली और हर छत के ऊपर से पत्थरों की बौछार पुलिस के ऊपर की गई।
अवैध मदरसा और नमाज स्थल तोड़ने पहुंची पुलिस और नगर निगम के कर्मचारियों उपद्रवियों के पत्थरबाजी का शिकार हो गए।
इस दौरान जबरदस्त आगजनी हुई. बनभूलपुरा थाने को भी उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया. उपद्रवियों ने इलाके में खड़ी पुलिस की और प्राइवेट गाड़ियों में आग लगा दी. इस हिंसा में 2 लोंगों की मौत और करीब 139 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
उपद्रवियों को गोली मारने के आदेश
हिंसा के दौरान उपद्रवियों द्वारा चारों ओर से पुलिस के ऊपर पत्थरबाजी की गई, जिसमें 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी सहित 200 लोग जख्मी हो गए।
हिंसा में पत्रकार और नगर निगम के कर्मचारी भी घायल हुए हैं. हिंसा के बाद इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है. प्रशासन की तरफ से शांति की अपील की गई है।
गुरुवार को पुलिस फोर्स को ये निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी कानून को अगर हाथ में लेता है और उपद्रव करता है तो उसको गोली मार दी जाए।
पेट्रोल बम फेंक थाने को जलाया
हिंसा भड़कने के बाद पुलिसकर्मियों ने उपद्रवियों का डटकर सामना किया, मगर सैकड़ों की संख्या में जुटे उपद्रवियों ने ताबड़तोड़ पथराव कर थाने पर कब्जा करने की कोशिश की।
पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो पेट्रोल बम से हमलाकर थाना जला डाला. थाने की दीवार तोड़कर उपद्रवी अंदर घुसे और एसओ का दफ्तर फूंकने का प्रयास किया।
थाने के अंदर एक-दो नहीं, बल्कि सैकड़ों उपद्रवी घुस गए. थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी के कार्यालय में तोड़फोड़ की और आग लगाने का प्रयास किया. थाने में घुसे उपद्रवियों के हाथों में पेट्रोल से भरे बोतल तक थे।
मीडियाकर्मियों की भी फूंक दी गाड़ियां
उपद्रवियों ने थाने के बाहर खड़ी पुलिस व पीएसी की गाड़ियां और बाइक फूंक दीं. 20 से ज्यादा बाइकों में आग लगा दी।
थाने के अंदर और बाहर तोड़फोड़ की और आग लगा दी. पुलिस अधीक्षक हरीश चंद्र वर्मा सहित 40 जवान थाने में ही फंस गए थे।
इनमें ज्यादतर महिला पुलिसकर्मी थाने में फंस गई थी. थाने पर हमले के वक्त महिला सिपाही घटना की जानकारी वायरलेस सेट पर उच्चाधिकारियों को दे रही थीं।
वह कहती हैं, ‘सर हमें बचा लो….’ इसी बीच अचानक लाइन कट गई. इसके साथ ही उपद्रवियों ने पुलिस और प्रेस लिखी बाइकों को भी तोड़ा और आग लगा दी।
बनभूलपुरा में करीब सात से अधिक मीडियाकर्मियों की बाइक फूंक दी गईं।
बनभूलपुरा क्षेत्र में बवाल बढ़ता देख मुख्य बाजार की सभी दुकानों के शटर शाम सात बजे के बाद गिरने लगे. एक घंटे में ही पूरा बाजार बंद हो चुका था ।
इससे दहशत का माहौल बन गया. सबसे पहले व्यापारियों की ओर से कारखाना बाजार, सराफा बाजार, सब्जी मंडी, कपड़ा बाजार बंद हुए और इसके बाद नैनीताल रोड व बरेली रोड की दुकानें बंद हो गई. सुरक्षा के लेकर एक घंटे के दौरान पूरा बाजार बंद हो गया था।
थाने के बाहर खड़ी गाड़ियों पर लगाई आग
घटना स्थल से आ रही तस्वीरें बयां कर रही हैं कि कैसे बनभूलपुरा थाने के अंदर घुसकर उपद्रवियों ने पूरे थाने में तोड़फोड़ की और आग लगा दी और थाने के बाहर खड़ी पुलिस की गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया।
सड़क पर हर तरफ से पत्थर ही नजर आ रहे हैं, जो पुलिसकर्मी और नगर निगम कर्मचारियों के ऊपर फेंके गए हैं।
इलाके में हिंसा बढ़ते देख आसपास के जिलों से फोर्स मंगाई गई है. चार कंपनी पैरामीट्री एक्स्ट्रा फोर्स बुलाई गई है. पूरे इलाके में पुलिसकर्मी और फोर्स की तैनाती कर दी गई है।
पथराव और आगजनी के बाद बनभूलपुरा थाने में डीएम वंदना सिंह और एसएसपी प्रहलाद मीणा ने निरीक्षण कर बेस अस्पताल में घायल पुलिसकर्मियों का हाल चाल जाना है।