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आरबीआई ने एमपीसी बैठक के नतीजों का किया ऐलान, लगातार छठी बार रेपो रेट 6.5 फीसदी....

Governor Das's announcement: Repo rate remains at 6.5 percent, improvement is visible in economic activities.

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। उन्होंने कहा कि एमपीसी की छह सदस्यीय टीम ने 5-1 की सहमति से नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर ही रखने का फैसला किया है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने लगातार छठी बार नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है।

रेपो दर को 6.5 फीसदी पर कायम रखने के मायने हैं कि मकान, वाहन समेत विभिन्न लोन पर मासिक किस्त (EMI) में कोई बदलाव नहीं होगा।

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मौद्रिक नीति समिति (MPC) की द्विमासिक समीक्षा बैठक के नतीजों का ऐलान करते हुए यह बात कही।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। उन्होंने कहा कि एमपीसी की छह सदस्यीय टीम ने 5-1 की सहमति से नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर ही रखने का फैसला किया है।

मौद्रिक नीति समिति में भारतीय रिजर्व बैंक के तीन अधिकारी और तीन बाहरी सदस्‍य रहे।

बाहरी सदस्‍यों में शशांक भिड़े, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा शामिल रहे। इनके अलावा समिति में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास और आरबीआई के अधिकारियों में कार्यकारी निदेशक राजीव रंजन और डिप्‍टी गर्वनर माइकिल देबब्रत पात्रा भी शामिल रहे।

रेपो रेट वह नीतिगत ब्याज दर है, जिस पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया कमर्शियल बैंकों को कर्ज देता है। फिलहाल रेपो रेट 6.50 फीसदी है।

उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने पिछले एक साल से रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। आरबीआई ने आखिरी बार फरवरी 2023 में रेपो रेट को 6.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.5 फीसदी किया था।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने खासतौर से वित्त वर्ष 2024 में महंगाई दर को 4 फीसद पर रखने का आदेश दिया है।

वहीं 2025 में महंगाई दर 4.5 फीसद रहने का अनुमान है। 2024 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की ग्रोथ रेट की बात करें तो इसका अनुमान बढ़ाकर 7.3 फीसद किया गया है।

वहीं, आरबीआई ने अगले वित्त वर्ष यानी 2024-25 के लिए देश की जीडीपी वृद्धि दर सात फीसदी रहने का अनुमान जताया है। हालांकि, चालू वित्त वर्ष 2023-24 में आर्थिक वृद्धि दर 7.3 फीसदी रहने का अनुमान है।

रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को यहां द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिनों तक चली समीक्षा बैठक के नतीजे की घोषणा करते हुए कहा कि ग्रामीण मांग में तेजी जारी है, शहरी खपत मजबूत बनी हुई है।

वहीं, पूंजीगत व्यय में वृद्धि के कारण निवेश का चक्र रफ्तार पकड़ रहा है। उन्होंने कहा कि निजी निवेश में भी सुधार के संकेत दिख रहे हैं।

रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने अगले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी की वृद्धि दर सात फीसदी रहने का अनुमान जताया।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अप्रैल-जून और जुलाई-सितंबर तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर क्रमशः 7.2 फीसदी और 6.8 फीसदी रहेगी, जबकि अक्टूबर-दिसंबर और जनवरी-मार्च तिमाही में इसके सात फीसदी रहने का अनुमान है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि घरेलू आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में विकास दर 7.3 फीसदी है।

उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 की गति अगले वित्त वर्ष 2024-25 में भी जारी रहने की उम्मीद है।

उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 7.3 फीसदी रहने का अनुमान है।

वहीं, आरबीआई ने पिछली बार विकास दर अनुमान को 6.5 फीसदी से बढ़ाकर सात फीसदी कर दिया था, जबकि वैश्विक रेटिंग एजेंसियों ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2023-24 में 6.5 फीसदी से लेकर 6.9 फीसदी तक रहने का अनुमान जताया है।

 

 

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