हम उत्तराखंड को समग्रता मे देखते है उनके अनुसार चुनावों से पहले ज़ब गणेश गोदियाल अध्यक्ष थे और प्रीतम सिंह नेता प्रतिपक्ष थे और दोनों ही गढ़वाल से थे ।
तब तो किसी ने भी सवाल खडे नहीं किये तब तो नहीं कहा गया कि कुमाऊ की उपेक्षा हो रही है।
लेकिन अब ये बाते क्यों की जा रही है ये समझ से परे है।
कांग्रेस मे गढ़वाल की उपेक्षा को लेकर बवाल जारी है।
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गरिमा माहरा दसोनी ने प्रीतम सिंह के बयान पर निशाना साधकर ये कहा था कि गणेश गोदियाल अध्यक्ष और प्रीतम सिंह नेता प्रतिपक्ष थे तब तो सवाल नहीं उठे तो अब क्यों वही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने गरिमा पर निशाना साधते हुए।
साफ कहा कि जो ये बात कह रहे है कि उस समय बात क्यों नहीं उठाई मै कहना चाहता हूँ।
वो राजनीति मे अभी नये नये है लगता है।
उन्होंने उत्तराखंड का इतिहास पढ़ा नहीं हमने कभी सवाल नहीं उठाये लेकिन ये बात जिन्होंने कही थी कि ठाकुर ब्राह्मण गढ़वाल कुमाऊ पहले उनसे पूछे क्यों कहा था।
वही राजेंद्र शाह बोले कि 20 साल प्रदेश मे सीएम कुमाऊ का और प्रदेश अध्यक्ष भी कुमाऊ का था हमने तो कभी सवाल नहीं उठाये।