यह टिप्पणी अमेरिकी सरकार के एक अधिकारी ने की है।
गुजरात में सूरत की एक अदालत ने ‘‘मोदी उपनाम” संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें 23 मार्च को दोषी ठहराया तथा दो साल कारावास की सजा सुनाई थी।
इसके अगले दिन 24 मार्च को उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया।
विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता के में कहा, “कानून के शासन और न्यायिक स्वतंत्रता का सम्मान किसी भी लोकतंत्र की आधारशिला है।
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हम भारतीय अदालतों में राहुल गांधी के मामले को देख रहे हैं।
हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता पर भारत सरकार के साथ संपर्क में हैं।
अधिकारी ने कहा कि अपने भारतीय सहयोगियों के साथ हमारी बातचीत में, हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित लोकतांत्रिक सिद्धांतों और मानवाधिकारों के संरक्षण के महत्व को रेखांकित करना जारी रखेंगे।
एक सवाल के जवाब में पटेल ने कहा कि जिन देशों के साथ अमेरिका के द्विपक्षीय रिश्ते है।
वहां के विपक्षी दलों के सदस्यों से संपर्क रखना अमेरिका के लिए सामान्य बात है।