उत्तराखंड : केदारनाथ पैदल मार्ग पर बुधवार रात बादल फटने और भारी बारिश से हुए भूस्खलन में 16 लोगों के लापता होने की सूचना है।
फंसे यात्रियों का आज सुबह से रेस्क्यू किया जा रहा है। रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ यात्रा मार्ग जगह-जगह ध्वस्त होने से सैकड़ों तीर्थयात्री रास्ते में फंसे हैं।
बुधवार रात बादल फटने और भारी बारिश से हुए भूस्खलन में 16 लोगों के लापता होने की सूचना है। एक हजार यात्री अब भी केदारनाथ धाम में फंसे हुए हैं।
विभिन्न पड़ावों पर फंसे 4000 से अधिक तीर्थयात्रियों को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व पुलिस ने निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
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इनमें से 700 का हेलीकॉप्टर रेस्क्यू किया गया। बाकी फंसे यात्रियों का आज सुबह से रेस्क्यू किया जा रहा है।
भारी बारिश और बादल फटने से गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग को भारी क्षति हुई है। मंदाकिनी नदी का जलस्तर बढ़ने से पैदल मार्ग पर रामबाड़ा में दो पुल और भीमबली में 25 मीटर रास्ता बह गया, जिससे केदारनाथ धाम की यात्रा को रोक दिया गया है।
साथ ही फंसे 4000 यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। 3300 को पैदल निकला है जबकि 700 यात्रियों को हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया।
बुधवार देर शाम साढ़े सात बजे से शुरू हुई तेज बारिश और रात साढ़े आठ बजे बिजली की तेज चमक और गर्जना के साथ लिनचोली से भीमबली के बीच बादल फट गया।
इससे गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। वहीं, मंदाकिनी नदी का जलस्तर बढ़ने से रामबाड़ा में निर्मित दो हल्के पुल भी बह गए।
भीमबली के पास करीब 25 मीटर रास्ता बह चुका है। भीमबली से जंगलचट्टी होते हुए गौरीकुंड तक भी पैदल मार्ग को काफी क्षति पहुंची है।
वहीं, लिनचोली से केदारनाथ तक रास्ता कई जगहों पर अति संवेदनशील हो चुका है। मंदाकिनी नदी के उफान से गौरीकुंड बाजार के निचले हिस्से में स्थित गर्मकुंड भी बह गया।
यहां निर्माणाधीन स्नान घर व अन्य जगहों पर भारी मलबा भरा है। उधर, सोनप्रयाग के निचले हिस्से भी मंदाकिनी नदी के सैलाब की चपेट में आ गए।
प्रशासन व पुलिस ने गौरीकुंड और सोनप्रयाग में समय रहते लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया।