गुजरात के हिम्मतनगर में मंगलवार सुबह अतिक्रमण को गिराने के लिए बुलडोजर पहुंचा। जिस जगह अवैध निर्माण को गिराने के लिए बुलडोजर पहुंचा, उसी स्थान पर 15 दिन पहले रामनवमी के अवसर पर हिंसा हुई थी। प्रशासन के डर से स्थानीय लोगों ने बुलडोजर आने से पहले ही खुद ही इमारत को गिराना शुरू कर दिया। स्थानीय लोगों को सोमवार को अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की सूचना मिली थी।
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों के बताया कि सड़कों को चौड़ा करने के लिए क्षेत्र में अवैध दुकानों और अन्य इमारतों को गिराया जा रहा है। गुजरात के साबरकांठा के हिम्मतनगर इलाके में 10 अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर रथ यात्रा का आयोजन किया गया था। हालांकि, दो समूहों के बीच झड़प हो गई, जिससे पथराव और आगजनी हुई। अधिकारियों ने बताया कि हिंसा में 10 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हो गए। हिंसा को आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल कर नियंत्रण में लाया गया था।
गुजरात जैसी घटना दिल्ली के जहाँगीरपुरी में भी हुई थी और हिंसा में 9 लोग घायल हुए थे जिसमे 8 पुलिसकर्मी शामिल थे। हिंसा की घटना के बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने इलाके में अवैध अतिक्रमण पर कार्रवाई करने की बात कही और फिर कुछ दिन बाद अतिक्रमण को हटाने के लिए बुलडोजर गया और कार्रवाई शुरू हुई। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बीच में ही इस कार्रवाई पर रोक लगा दी।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी प्रशासन की कार्रवाई जारी रही जिसका विपक्षी दलों ने विरोध किया और कई नेताओं ने वहां पहुंचकर हंगामा किया। बाद में ये कार्रवाई पूरी तरीके से रोकी गई और अदालत इस मामले पर मई में फैसला सुनाएगा।
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बता दें की मध्य प्रदेश के खरगोन में भी हिंसा हुई थी जिसको लेकर राज्य सरकार ने कड़ा रुख अपनाया और हिंसा के आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर से कार्रवाई की गई। हिंसा में शामिल कई आरोपियों के घर गिरा दिए गए। इसमें पीएम आवास योजना से लाभान्वित एक मुस्लिम महिला का भी घर गिरा दिया। हालांकि बाद में राज्य सरकार ने महिला के पुनर्वास के प्रक्रिया की शुरुवात की।