साइबर ठगों ने देहरादून के युवक से डेढ़ लाख ठगे, FIR दर्ज; जांच शुरू!
युवा वर्ग के लिए विदेश में नौकरी की तलाश अक्सर जीवन की महत्वपूर्ण दिशा होती है। हालांकि, इसी तलाश में एक युवक ने साइबर ठगों के झांसे में आकर डेढ़ लाख रुपए खो दिए।
जानकारी के अनुसार, पटेलनगर कोतवाली के निरीक्षक सूर्यभूषण सिंह नेगी ने बताया कि यह साइबर ठगों के खिलाफ FIR दर्ज करने के बाद जांच जांच शुरू कर दी गई हैं,।
आरोपित की पहचान नहीं, फिर भी डेढ़ लाख रुपए ठगे
रूप सिंह, जो कारबारी चौकनिवासी, ने तहरीर में बताया कि उन्होंने पिछले कुछ हफ्तों से विदेश में नौकरी की तलाश की थी।
उन्होने एक ऐप पर अपना बायोडेटा अपलोड किया था, जिस पर उन्हें एक अज्ञात नंबर से कॉल आया।
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फोन करने वाली युवती ने अपना नाम पूजा बताया और दावा किया कि वह इंडीड जाब साल्यूशन कंपनी की कर्मचारी है, जो विदेश में नौकरी दिलवाती है।
डेढ़ लाख की ठगी का सबब बना ‘विदेशी नौकरी’ का झांसा
आरोपित ने रूप सिंह को भी विदेश में नौकरी की तलाश में मदद करने का दावा किया और स्काइप एप पर साक्षात्कार करवाया।
रूप सिंह को भी विदेश में नौकरी का झांसा देते हुए स्काइप एप पर उसने किसी से साक्षात्कार करवाया।
इसके बाद आरोपित ने रूप सिंह से कहा कि उसकी दुबई की हिल्टन होटल कंपनी में नौकरी लगी है और फर्जी दस्तावेज ईमेल पर भेजे दिए।
इसके बाद पूजा की सीनियर बताने वाली श्वेता ने बात की।
उसने सबसे पहले सात अगस्त को पंजीकरण के नाम पर 2500 रुपये मांगे।
आठ अगस्त को दस्तावेज सत्यापन के नाम पर 7,890 रुपये और 10 अगस्त को मेडिकल व ट्रेनिंग के नाम पर 16,190 रुपये मांगे।
11 अगस्त को वीजा के नाम पर 41,190 रुपये, 15 अगस्त को बांड भरवाने के नाम पर 50 हजार रुपये और 16 अगस्त को इंश्योरेंस के नाम पर 30 हजार रुपये मांगे।
ठगों ने डेढ़ लाख रुपए के साथ किया ठगी
रूप सिंह से उधार लिए गए धन की कुल रकम एक लाख 47 हजार रुपए थी, जिसमें इंश्योरेंस, बांड भरवाने, वीजा, मेडिकल, और ट्रेनिंग के नाम पर अलग-अलग भुगतान था।
ठगों ने उनसे ज्वाइनिंग के बारे में बात करते समय यह सूचना दी कि उनको अब नौकरी नहीं दी जा रही है और वे पैसे वापस करने के लिए और धन मांगते हैं, जिसे सिक्योरिटी के तौर पर पेश किया गया।
यहीं पर रूप सिंह को ठगी का पता चला और वे पुलिस को जानकारी देने के बाद इस मामले की जांच की मांग करने लाए।
जांच शुरू, साइबर ठगों की खोज
पटेलनगर कोतवाली ने इस मामले में आरोपितों की पहचान करने के लिए जांच शुरू कर दी है और उनकी गिरफ्तारी के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
साइबर ठगों की जांच के दौरान यह भी पता चल सकता है कि वे अन्य लोगों को भी ठग चुके हैं और इसके आधार पर उन पर और भी मुकदमे दर्ज किए जा सकते हैं।
साइबर ठगों से बचने के लिए सावधानी बरतना जरूरी है ताकि हम ऐसे धोखाधड़ी से बच सकें।
साइबर ठगों के खिलाफ जागरूक और सतर्क रहना हमारे स्वयं की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
यह घटना एक संदेश भी देती है कि इंटरनेट पर सुरक्षित रहना हमारी जिम्मेदारी है, और हमें अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए सभी संभावित कदम उठाने चाहिए।