शासन की ओर से सभी नगरीय निकायों को अवैध रूप से निर्मित और पंजीकृत को नियमों के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि सूची से संबंधित जानकारी एंटी भू-माफिया पोर्टल (आईजीआरएस पोर्टल) पर उपलब्ध कराई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में अवैध निर्माण के खिलाफ राज्य सरकार ने पहला ही सख्त कदम उठा लिया है।
हजारों करोड़ रुपये की जमीन भूमाफियाओं के चंगुल से मुक्त करायी है।
- Advertisement -
इसी क्रम में अब नगरीय निकाय में यह अभियान चलाकर शासकीय भूमि को अवैध निर्माण से मुक्त जारी करने का निर्णय लिया गया है।
राज्य की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि प्रत्येक नगरीय निकायों से तीतरियां निकाली जाती हैं कि वे अपने क्षेत्र में ऐसी सार्वजनिक भूमि, पार्क, तालाब, पोखर आदि लोरित करें जिन पर भू-माफिया या अन्य किसी का कब्जा हो रहा है।
ऐसी सभी सरकारी दस्तावेजों को मुक्त किया जाएगा और अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि वे राजस्व विभाग के सहयोग से आईजीआरएस पोर्टल (भू-माफिया कटिबद्ध पोर्टल) पर पंजीकृत हो।
आदेश में कहा गया है कि प्रत्येक नगरीय निकाय की यह जिम्मेदारी होगी कि वह अपने निकाय से संबंधित सूचना निदेशक स्थानीय निकाय ईडी को प्राप्त करेगा, जो सरकार को यह जानकारी उपलब्ध कराएगा।
आरोपित है कि सार्वजनिक भूमि से हटना व अवैध कब्जाधारियों पर प्रभावी कार्रवाई के लिए राजस्व विभाग वर्ष 2017 से भू-माफिया विरोधी अभियान चला रहा है।
समीक्षा के लिए चार स्तरीय टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है।
राज्य, मंडल, जिला और तहसील स्तर पर भू-माफिया विरोधी अभियान।