आजकल अनहेल्दी खानपान और खराब लाइफस्टाइल के चलते कई लोग जल्दी-जल्दी बीमार पड़ते हैं। ऐसे में जिंक एक ऐसा पोषक तत्व है जो शरीर के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
अच्छी डाइट और सप्लीमेंट्स से इसकी कमी को दूर किया जा सकता है। अच्छी सेहत के लिए शरीर को कई पोषक तत्वों की जरूरत होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनमें जिंक कितना ज्यादा फायदेमंद होता है?
आज हम जानेंगे कि इससे भरपूर चीजों के सेवन से शरीर को क्या लाभ मिल सकते हैं और कैसे यह आपकी स्किन और हेयर से लेकर ओवरऑल हेल्थ को बेहतर कर सकता है।
इसकी कमी को दूर करने के लिए लोग ताजे फल और सब्जियां तो खाते ही हैं, साथ ही इससे जुड़े सप्लीमेंट्स का सहारा भी लेते हैं। आइए जानें इससे होने वाले फायदों के बारे में।
आखिर क्यों फायदेमंद है जिंक?
जिंक एक हीलिंग माइक्रोन्यूट्रिएंट माना जाता है। यह कोलेजन बनाने की प्रक्रिया में मदद करता है जिससे नए टिश्यू बनने के साथ किसी घाव को भरने की प्रक्रिया को भी एक फ्रेमवर्क और सपोर्ट मिलता है।
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सेल डिवीजन और सेल प्रोलिफरेशन जैसी प्रक्रियाओं को सपोर्ट कर जिंक घाव की जगह नए स्किन सेल्स के निर्माण में सहायक होता है।
जिंक एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट भी है जो घाव पर मौजूद हानिकारक फ्री रेडिकल को न्यूट्रल करता है जिससे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम होता है और इन्फ्लेमेशन भी कम होता है।
इससे हीलिंग की प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरा होने में मदद मिलती है।
कोलेजन बनाने के कारण जिंक हेयर और स्किन के लिए बेहद जरूरी होता है।
जिंक मेल इन्फर्टिलिटी को खत्म करने के लिए भी जरूरी है। यह स्पर्म के बनने से लेकर इनके मैच्योर होने तक की प्रक्रिया में सहायक होता है।
फीमेल इनफर्टिलिटी में भी जिंक काफी मददगार होता है, ये एंड्रोजन, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे फीमेल हार्मोन को बनाने में मदद करता है जिससे हेल्दी ओव्यूलेशन की प्रक्रिया हो सके।
इंसुलिन और ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया में भी जिंक सहायक होता है जिससे ये ग्लाइसेमिक कंट्रोल करने में मदद करता है और शरीर में ब्लड शुगर संचालन को भी प्रभावित करता है।
ये एपीथेलाइजेशन की प्रक्रिया को प्रमोट करता है जिससे नई स्किन सेल घाव पर शिफ्ट होती हैं, उसे कवर करती हैं और घाव वाले स्थान को भर कर स्किन का बचाव करती हैं।
जिंक एक बेहतरीन इम्यूनोमॉड्यूलेटर है जिसका मतलब ये हुआ कि ये इन्नेट इम्यून सेल, नेचुरल किलर सेल और न्यूट्रोफिल जैसे इम्यून सेल के निर्माण और इनकी कार्यशैली में मदद करता है।
जिससे टारगेट सेल को नष्ट करने में आसानी होती है और इम्यून रिस्पांस मजबूत होता है।