क्या है फॉर्मूला 996… जो बना देता है अरबपति :- क्या आप भी करोड़पति बनने का सपना देखते हैं ? क्या आप इस लक्ष्य को पाने के लिए जुनून और दिमाग दोनों सही तरीके से लगा रहे हैं / अगर कोई शंका है तो खबर आपके लिए है। स्टार्टअप की दुनिया में एक नाम इन दिनों तेजी से छाया हुआ है लूसी गुओ (Lucy Guo). सिर्फ 30 साल की उम्र में 1.3 बिलियन डॉलर की नेटवर्थ हासिल करना कोई आसान बात नहीं, लेकिन लूसी ने इसे हकीकत बना दिखाया. उन्होंने साबित किया कि जब जुनून और काम की आदत मिलती है, तो उम्र सिर्फ एक नंबर बनकर रह जाती है।
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Scale AI से बना अरबों का सपना
लूसी गुओ ने 2016 में Alexandr Wang के साथ मिलकर Scale AI की नींव रखी थी. यह कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को ट्रेन करने के लिए डेटा लेबलिंग का काम करती है. जैसे ही Meta समेत कई बड़ी कंपनियों ने इसमें निवेश किया, कंपनी की वैल्यू 25 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई. हालांकि, 2018 में लूसी ने कंपनी छोड़ दी, लेकिन उनके पास मौजूद 5% हिस्सेदारी ने उन्हें दुनिया की सबसे युवा सेल्फ-मेड महिला अरबपति बना दिया।
90 घंटे काम करना जरूरी क्यों मानती हैं लूसी?
लूसी का मानना है कि अगर आप एक स्टार्टअप बना रहे हैं, तो हफ्ते में कम से कम 90 घंटे काम करना चाहिए. उनका शेड्यूल इतना टाइट है कि वो सुबह 5:30 बजे उठती हैं, वर्कआउट के बाद सीधे काम पर लग जाती हैं. लंच के लिए भी उनके पास समय नहीं होता स्नैक्स खाते हुए ही मीटिंग्स निपटाती हैं. वो कहती हैं, “अगर आप सोशल मीडिया स्क्रॉल करने और नेटफ्लिक्स देखने में वक्त जाया कर रहे हैं, तो आप प्रोडक्टिव नहीं हैं।
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एक कोडर लड़की से बन गईं अरबपति
लूसी कैलिफोर्निया में एक चीनी मूल के परिवार में पैदा हुईं. टीनेज में ही उन्होंने कोडिंग शुरू कर दी थी. Neopets गेम के जरिए वर्चुअल सामान बेचकर पैसे कमाए. फिर Carnegie Mellon University में पढ़ाई शुरू की, लेकिन उसे बीच में छोड़कर Thiel Fellowship जॉइन किया. Facebook और Snapchat जैसी कंपनियों में इंटर्नशिप और काम के दौरान उनका टेक्नोलॉजी के प्रति जुनून और निखरा. Quora में काम करते वक्त उन्हें Alexandr Wang से मुलाकात हुई, जिससे Scale AI की कहानी शुरू हुई।
Passes और Backend Capital के जरिए नई उड़ान
Scale AI के बाद लूसी ने एक के बाद एक नए प्रोजेक्ट्स पर काम किया. 2019 में उन्होंने Backend Capital नाम की वेंचर कैपिटल फर्म शुरू की. 2022 में उन्होंने Passes नामक एक क्रिएटर मोनेटाइजेशन प्लेटफॉर्म लॉन्च किया. यह अब तक 65 मिलियन डॉलर का फंड जुटा चुका है. हालांकि, Passes को कुछ कानूनी विवादों का सामना भी करना पड़ा, लेकिन लूसी ने इन आरोपों को “बेसलेस” बताया।
क्या वाकई काम ही सफलता की गारंटी है?
लूसी की 90 घंटे की वर्कवीक वाली सोच पर स्टार्टअप वर्ल्ड में बहस छिड़ गई है. कुछ लोगों का मानना है कि ये डेडिकेशन दिखाता है, जबकि अन्य का कहना है कि यह बर्नआउट और मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम्स को जन्म देता है. दिलचस्प बात यह है कि जहां लूसी जैसे युवा फाउंडर्स हाई इंटेंसिटी वर्क कल्चर को सही मानते हैं, वहीं Bill Gates जैसे टेक लीडर्स का मानना है कि AI के युग में 2 दिन का वर्कवीक भी पर्याप्त हो सकता है।

