हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी के विषय मे कई फूहड़ता दर्शाती हुई पोस्ट आपको सोशल मीडिया पर बहुत मिल जाएंगी पर उत्तराखंड राज्य के एक ऐसे कर्मचारी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी जी के ऊपर अपने सोशल मीडिया के फेसबुक एकाउंट से ऐसी अपमान जनक बाते लिखी जा रही है जो अनुशासन के खिलाफ है।
मामला राज्य संपत्ति विभाग से के सचिवालय में अनुभाग में तैनात एक कर्मचारी अनिल कुमार यादव से जुड़ा हुआ है।
अनिल कुमार यादव द्वारा विगत कई दिनों से अपने फेसबुक एकाउंट से प्रधानमंत्री मोदी जी के अपमान जनक बातें पोस्ट की जा रही है। जिससे ऐसा लगता है कि ये कर्मचारी मोदी जी और उनकी नीतियो के खिलाफ है। अनिल कुमार यादव पिछले कई वर्षो देश के प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपने फेसबुक अकाउंट से ऐसी-ऐसी बातें पोस्ट कर रहे है जिससे साफ दिखता है कि इस कर्मचारी को किसी का भय नहीं है।
उत्तराखंड राज्य में बीजेपी की सरकार है और वो भी जीरो टॉलरेंस की फिर भी राज्य के सचिवालय में तैनात अनिल कुमार द्वारा ऐसी अपमानजनक बातें देश के प्रधानमंत्री के बारे में पोस्ट की जा रही है जो राज्य कर्मचारियों द्वारा आचरण अनुशासन हीनता के दायरे में आती है।
- Advertisement -
राज्य संपत्ति विभाग के राज्य संपत्ति अधिकारी/ विभागाध्यक्ष श्री बंसी तिवारी का अपने विभाग के कर्मचारियों पर अंकुश नही है क्या? जबकि राज्य संपत्ति अधिकारी को अपने नियंत्रण मे कार्य करने वाले कार्मिको की प्रष्ठभूमि का आंकलन नहीं है क्या ? अगर ऐसा है तो सम्पूर्ण विभाग जो अतिविशिषठ महानुभाव की व्यवस्थाओ हेतु गठित किया गया है की कार्यप्रणाली और गोपनियता पर बड़ा प्रश्नचिन्ह है। राज्य संपत्ति विभाग के कुछ व्यवस्थाधिकारी तो ऐसे है जो पिछले 15 सालो से एक ही जगह अपने रसूख के दम पर जमे हुये है। विभाग के सचिव और अपर सचिव भी सबकुछ जानते हुये भी इनके आगे नतमस्तक है। जबकि विभाग द्वारा इनके पद के सापेक्ष इनकी नियुक्ति किए जाने के संबंध मे एवं विभागीय आवश्यकता के आधार पर किए जाने पर करना चाहिए।
सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार इस कर्मचारी ने अपने रसूख के दम पर राज्य संपत्ति विभाग के अनुभाग में कई वर्षो से अपनी पोस्टिग करवा रखी है जबकि इस अनिल यादव की नियुक्ति राज्य संपत्ति विभाग की इकाइयो की है। ये कर्मचारी सचिवालय सेवा में नियुक्ति करवा कर कई वर्षो से अधिष्ठान के गोपनीय कार्यो को कर रहा है। जो कर्मचारी देश के प्रधानमंत्री पर आपत्तीजनक प्रश्नचिन्ह लगा सकता है वो सचिवालय एवं राज्य संपत्ति विभाग के प्रति कितना निष्ठावान होगा ये सोचनीय विषय है।
यह मामला इतना गंभीर है कि अगर राज्य संपत्ति विभाग के कुछ अधिकारियो और कर्मचारियो के कार्यो का सिर्फ मूल्यांकन और इनके शैक्षिक प्रमाण पत्रो की मुख्यमंत्री जी जांच करवा ले, तो ये सभी कुकुरमुत्ते जरूर निलंबित हो जाएंगे।
अब देखना यह होगा कि राज्य संपत्ति विभाग ऐसे कर्मचारियो पर कोई कार्यवाई करेगा या नहीं? जो देश के प्रधानमंत्री के विरुद्ध इतनी अपमान जनक बातें फेसबुक पर सरेआम लिख रहा है। उत्तराखंड राज्य में भी बीजेपी की जीरो टॉलरेंस सरकार है और राज्य संपत्ति विभाग मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी के पास है, प्रधानमंत्री मोदी जी के निकटतम लोगो में इस राज्य के मुखिया है वो अपने विभाग के कर्मचारी के इस आचरण पर क्या कार्यवाई करेंगे? और इस विभाग की नियुक्तियों का विभागीय ढांचा क्या है? उसका भी मूल्यांकन करेंगे। ये देखने वाली बात होगी।