और अधिकारियों ने शुक्रवार को करीब तीन घंटे तक लबीं पूछताछ की और सूत्रों के मुताबित वो एसआइटी के सवालों का सही से जवाब नहीं दे पाया और बता दे कि इससे पहले इस मामले में लापरवाही बरतने को लेकर उसे सस्पेंड कर दिया गया था।
इस जांच में अभी तक ये बात सामने आई है, कि अंकिता भंडारी के पिता जब सबसे पहले राजस्व पुलिस व्यवस्था के स्थानीय पटवारी और रेसक्यू इस्पेक्टर वैभव प्रताप सिंह के पास गुमशुदगी कि रिपोर्ट दर्ज करने पहुंचे तो उनकी सुनवाई नहीं हुई थी और शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज नहीं कि गई थी।
पटवारी बैभव प्रताप सिंह ने इस मामले में बताया कि बीते 19 सितंबर कि रात को दो बजे पुलकित आर्य उसके पास आया था कि अंकिता भंडारी के गायब होने कि खबर दी थी और इस पर उसने यह कहकर एफआइआर दर्ज नहीं कि की अंकिता के लापता होने के 24 घंटे के बाद ही रिपोर्ट दर्ज की जा सकती हैं।
पटवारी ने बताया कि उन्होने पुलकित को सलाह दी कि इस बारें में वो अंकिता के पिता को सूचित करें और उनसे पहचान के लिए अंकिता भंडारी का फोटो या फिर आधार कार्ड मांगा और इसके बाद वो तहसील के अप्रूवल के बाद छुट्टी पर चला गया था।