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उत्तराखण्ड दरोगा भर्ती धाँधली,,,,एक साल से निलंबित चल रहे सभी दरोगा हुए बहाल......

After investigation in the rigging case, 20 inspectors got reinstatement.

उत्तराखंड :  दरोगा भर्ती धांधली में निलंबित हुए 2015 बैच के 20 दरोगाओं को एक साल बाद मंगलवार शाम को पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर जिलों के कप्तानों ने बहाल कर दिया।

पिछले साल जनवरी में सभी को निलंबित किया गया था।

इनमें से पौड़ी में तैनात दरोगा पुष्पेंद्र की सड़क हादसे में मौत हो चुकी है।

यूकेएसएसएसी की परीक्षाओं में धांधली की जांच के वक्त 2015 में हुई सीधी दरोगा भर्ती में भी धांधली की बात सामने आई थी।

इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में विजिलेंस से जांच कराने की संस्तुति की।

विजिलेंस ने प्राथमिक जांच के बाद आठ अक्तूबर 2022 को मुकदमा दर्ज किया।

इसके बाद पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर 20 दरोगाओं को निलंबित कर दिया गया।

एक साल से ज्यादा लंबे समय चली जांच के बाद विजिलेंस ने पिछले दिनों शासन को रिपोर्ट भेज दी है।

बताया जा रहा कि इनमें से कई दरोगा ऐसे हैं, जिनके खिलाफ धांधली के साक्ष्य नहीं मिले हैं।

हालांकि, अंतिम निर्णय इस पर शासन को ही लेना है।

अब पुलिस मुख्यालय ने इन सभी दरोगाओं को बहाल करने के आदेश दिए हैं।

एडीजी प्रशासन अमित सिन्हा ने बहाली निर्देश जारी होने की पुष्टि की है।

ये दरोगा हुए बहाल

देहरादून : ओमवीर सिंह, प्रवेश रावत, राज नारायण व्यास, जैनेंद्र राणा व निखिलेश बिष्ट।

ऊधमसिंहनगर : दीपक कौशिक, अर्जुन सिंह, बीना पपोला, जगत सिंह शाही, हरीश महर, लोकेश व संतोषी।

नैनीताल : नीरज चौहान, आरती पोखरियाल नैनीताल (अभिसूचना), प्रेमा कोरमा व भावना बिष्ट।

पौड़ी : पुष्पेंद्र (पिछले साल सड़क हादसे में मृत्यु हो चुकी)।

चमोली : गगन मैठाणी।

चंपावत : तेज कुमार।

एसडीआरएफ : मोहित सिंह रौथाण।

 

 

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