उत्तराखण्ड

उत्तराखंड में हाईकोर्ट ने एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज के छात्रों को लंबित शुल्क का भुगतान करने के दिए निर्देश:

मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने एक आदेश में निर्देश दिया कि छात्र फीस के अंतर का भुगतान तीन किस्तों में करें।

कोर्ट ने निर्देश दिया है कि छात्र पहली किश्त जमा करने के दो सप्ताह के भीतर, दूसरी छह महीने में और तीसरी किस्त नौ महीने में जमा करें।

कोर्ट के आदेश का मतलब है कि कॉलेज में स्टेट कोटे से दाखिला लेने वाले छात्रों को तीन किस्तों में करीब चार लाख रुपये की राशि देनी होगी।

शुल्क समिति के अनुसार, अखिल भारतीय कोटा के तहत छात्रों के लिए शुल्क 13.22 लाख रुपये निर्धारित है।

जबकि राज्य कोटे के लिए शुल्क 9.78 लाख रुपये है।

संस्थान के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि हाल ही में कुछ छात्रों, उनके अभिभावकों व अन्य तत्वों ने मेडिकल कॉलेज के गेट पर धरना दिया था।

उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने आंदोलनकारियों को शुल्क विनियमन और कानूनी प्रक्रिया के बारे में समझाया जिसके बाद धरना निलंबित कर दिया गया।

यहां यह बताना उचित होगा कि 2018 के एमबीबीएस बैच की फीस फीस कमेटी द्वारा निर्धारित नहीं की गई थी।

प्रवेश के समय तत्कालीन अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने एक पत्र जारी किया था।

जिसमें यह उल्लेख किया गया था कि छात्रों द्वारा जमा की जा रही फीस अस्थायी व्यवस्था है और उन्हें शुल्क समिति द्वारा निर्धारित वास्तविक शुल्क का भुगतान करना होगा।

छात्रों ने स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र भी जमा कराया था कि वे शुल्क नियामक समिति द्वारा निर्धारित शुल्क का भुगतान करेंगे।

हालांकि जब शुल्क तय किया गया तो उन्होंने विरोध किया और मेडिकल कॉलेज के गेट पर धरना दिया।

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