उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को तेजाब हमले की पीड़िता को 35 लाख रुपये का मुआवजा देने के दिए निर्देश:

इस मामले की जानकारी के अनुसार पीड़िता गुलनाज खान ने मुआवजे को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
उसने कहा था कि जब वह 12वीं कक्षा में पढ़ रही थी तो उस पर तेजाब का हमला हुआ था।
एक पुरुष, जिसके प्रस्ताव को उसने बार-बार ठुकराया था, ने उस पर तेजाब से हमला कर दिया, जिससे वह 60 प्रतिशत से अधिक जल गई। उसके चेहरे, छाती, धड़ और हाथों पर चोट के निशान हैं।
उसका दाहिना कान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था जबकि दूसरे कान से सुनने की क्षमता 50 फीसदी कम हो गई थी। 2016 में निचली अदालत ने हमलावर को 10 साल कैद और 20,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।
2019 में हाईकोर्ट ने पीड़िता को इलाज के मुआवजे के लिए 1.5 लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया था।
हालांकि, पीड़िता ने 50 लाख रुपये की राशि की मांग करते हुए राज्य सरकार से मुआवजे की मांग करते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।
अंतिम सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट के बजाय एक अलग मंच से संपर्क करना चाहिए था और सरकार द्वारा एक मामले में मांगी गई राशि का भुगतान करने के परिणामस्वरूप सभी लोग इसकी मांग करेंगे।
याचिकाकर्ता की वकील स्निग्धा तिवारी ने कहा कि एसिड अटैक पीड़िता को पर्याप्त मुआवजा नहीं दिया गया जबकि राजनीतिक मामलों में सरकार करोड़ों रुपये देती है।
उन्होंने कहा कि पीड़िता को उसके सम्मान और तेजाब हमले के कारण जीवन भर जो पीड़ा झेलनी पड़ेगी, उसका मुआवजा दिया जाना चाहिए।
दलीलों पर विचार करते हुए, अदालत ने सरकार को 35 लाख रुपये का मुआवजा देने और पीड़िता के इलाज का खर्च वहन करने का निर्देश दिया।