उत्तराखण्ड

राहुल गांधी को गुजरात के सूरत में मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने के विरोध में उत्तराखंड कांग्रेस ने किया विरोध प्रदर्शन:

इस मौके पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य हरीश रावत ने कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बीजेपी सरकार का सबसे बड़ा हमला है।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की अपार सफलता से भाजपा सरकार डर गई है और कांग्रेस नेता को प्रताड़ित करने के लिए सरकार ने बदले की भावना से काम लिया है।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने जो कहा वह देश की राजनीति में क्या हो रहा है, इस पर आम चर्चा थी।

रावत ने कहा कि सूरत में दर्ज मामला पुराना है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता राहुल गांधी का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं करेंगे और हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि सूरत की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और ऐसे आयोजनों का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने किसी व्यक्ति विशेष के बारे में बात नहीं की है।

सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार बदले की भावना से काम कर रही है और कांग्रेस पार्टी के नेताओं और विपक्षी पार्टियों के नेताओं पर तमाम तरह के मामले दर्ज किये जा रहे हैं।

आयकर, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) विपक्षी नेताओं को परेशान करने के लिए सरकार के हाथों के उपकरण बन गए हैं।

कांग्रेस की अनुशासन समिति के अध्यक्ष नव प्रभात ने कहा कि भारत का संविधान अपने नागरिकों को अभिव्यक्ति की आजादी की गारंटी देता है।

उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार के खिलाफ बोलना अपराध की श्रेणी में आ गया है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार असंवैधानिक तरीके से काम कर रही है।

 

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