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सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत सिन्हा ने नीति की जानकारी देते हुए बताया कि आवासीय भवनों के मुआवजे की गणना केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के प्लिंथ क्षेत्र दरों में लागत सूचकांक जोड़कर की जाएगी।
दोनों को जोड़कर गणना की गई राशि में, भवनों की मूल्यह्रास लागत कम हो जाएगी और मुआवजे का भुगतान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जोशीमठ में कार्यरत विभिन्न संस्थानों की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद भूमि के मुआवजे की दर तय की जाएगी और इसे अगली कैबिनेट की बैठक के समक्ष रखा जाएगा।
सचिव ने कहा कि प्रभावित परिवारों को मुआवजे के लिए पांच विकल्प उपलब्ध कराये जायेंगे।
इसी तरह प्रभावित परिवार नए घर के लिए दावा कर सकता है। दुकानों या व्यावसायिक संपत्तियों के मालिक अभी भवन के लिए मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं और दरों के तय होने के बाद बाद में भूमि प्राप्त कर सकते हैं और भवन का मुआवजा प्राप्त करने के बाद भूमि के एक टुकड़े (15 वर्ग मीटर तक) का विकल्प भी चुन सकते हैं।
सचिव ने बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्र में किराए की दुकान रखने वाले ऐसे व्यक्तियों को पॉलिसी में दो लाख रुपये भुगतान का प्रावधान किया गया है।
सिन्हा ने कहा कि सुरक्षित क्षेत्रों में स्थित भवनों की रेट्रोफिटिंग के लिए मुआवजे की दरें विभिन्न संस्थानों की रिपोर्ट आने के बाद तय की जाएंगी।