राष्ट्रीय सचिवा कविता श्रीवास्तव ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड की शुरुआती जांच में प्रशासन ने बड़ी लापरवाही बरती है।
साथ ही सबूतों को नष्ट करने का भी प्रयास किया है।
अंकिता भंडारी के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए उत्तराखंड महिला मंच ने देश भर के जिम्मेदार महिला संगठनों के साथ मिलकर तथ्यान्वेशण के लिए टीम गठित की है।
उन्होंने कहा कि यह 20 सदस्यीय टीम दलों में बंटकर अलग-अलग जगहों का दौरा करके साक्ष्य जुटा रहीं हैं।
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दल में दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, कर्नाटका सहित अन्य राज्यों के वकील, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न छात्र संगठन शामिल हैं।
28 अक्टूबर को देहरादून पहुंचकर राज्य महिला आयोग, डीजीपी उत्तराखंड, एसआईटी प्रमुख, पर्यटन सचिव, मुख्य सचिव आदि से मिलेंगे और एक प्रेस वार्ता को संबोधित करेंगे।
जयपुर से पीयूसीएल संगठन राष्ट्रीय सचिव कविता श्रीवास्तव और दिल्ली की ऐडवा महिला संगठन की सचिव मैमूना ने आरोप लगाते हुए कहा कि अंकिता हत्याकांड मामले में साक्ष्य को छुपाकर आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
जबकि लड़की को ही दोषी करार देने की साजिश चल रही है।
कहा कि महिलाएं को गरिमा के साथ जीवन जीने और जीविका का अधिकार मिले।
कहा कि कमेटी का उद्देश्य अंकिता की न्याय की लड़ाई में सही और न्यायपूर्ण जांच करवाना है।