IVF कैसे मेल इनफर्टिलिटी में करता है मदद ? : इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) रिप्रोडक्टिव मेडिसिन में इजी और इफेक्टिव तरीकों है जो इनफर्टिलिटी से जूझ रहे कपल्स के लिए मदतगार साबित हुआ है,जबकि फीमेल इनफर्टिलिटी पर बहुत ज्यादा फोकस किया जाता है. इनफर्टिलिटी के सभी मामलों में से लगभग 40 से 50 फीसदी मेल इनफर्टिलिटी से जुड़े होते हैं. इस तरह आईवीएफ को खास तौर से जब एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ा जाता है, तो मेल इनफर्टिलिटी पर काबू पाने और कपल्स के माता-पिता बनने के सपने को हासिल करने में मदद मिलती है।
मेल इनफर्टिलिटी को समझना
पुरुष इनफर्टिलिटी को समझने में अलग अलग फैक्टर को पहचानना शामिल है जो बच्चे के बायोलॉजिकल पिता बनने पर असर डाल सकते हैं. इसकी वजह कई हो सकती हैं जैसे की कम स्पर्म काउंट (ओलिगोस्पर्मिया), स्पर्म की कम स्पीड (एस्थेनोज़ोस्पर्मिया), स्पर्म का साइज बिगड़ना (टेराटोज़ोस्पर्मिया), कई बार हार्मोन में गड़बड़ी, जेनेटिक समस्याएं, या फिर इंफेक्शन भी इसके कारण हो सकता है. इसके अलावा लाइफस्टाइल, जैसे ज्यादा अलकोहल, स्मोकिंग भी एक समस्या हो सकती है।
1. मेल इनफर्टिलिटी के लिए आईवीएफ प्रोसेस
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) एक जाना माना फर्टिलिटी ट्रीटमेंट है जिसमें कई फेज शामिल हैं, जिनमें अक्सर इंट्रासाइटोप्लास्मिक स्पर्म इंजेक्शन (आईसीएसआई) का इस्तेमाल शामिल होता है, जो मेल इनफर्टिलिटी पर काबू पाने में अहम भूमिका निभाता है.
2. ओवेरियन स्टिमुलेशन (Ovarian Stimulation)-
आईवीएफ में उतेरुस को प्रेग्नेंसी के लिए रेडी किया जाता है जिसमें वो ओवुलेटकर सके. इस प्रोसेस को स्टिमुलेशन कहते हैं. हार्मोनल मेडिसिन का इस्तेमाल ओवरी को एक से ज्यादा अंडे प्रोड्यूस करने के लिए इनकरेज करने के लिए किया जाता है, जिससे सफल फर्टिलाइजेशन की संभावना बढ़ जाती है।
- Advertisement -
3. स्पर्म कलेक्शन
इस प्रोसेस में मेल पार्टनर का स्पर्म सैंपल प्रोसेस किया जाता है, यदि स्पर्म काउंट, उसकी स्पीड या साइज में दिक्कत है या इजैक्युलेशन से स्पर्म कलेक्ट नहीं किया जा सकता तो स्पर्म को टेस्टिकुलर स्पर्म एस्पिरेशन (टीईएसए) या एपिडिडीमल स्पर्म एस्पिरेशन (PESA) जैसी प्रोसेस का इस्तेमाल करके डिरेक्ट्लत्य टेस्ट्स से कलेक्ट किया जाता है।
4. इंट्रासाइटोप्लास्मिक स्पर्म इंजेक्शन (आईसीएसआई)
आईसीएसआई एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब मेल फर्टिलिटी एक चिंता का विशेष विषय होता है. आईसीएसआई के दौरान, फर्टिलाइजेशन सुनिश्चित करने के लिए एक स्पर्म को सीधे अंडे में इंजेक्ट किया जाता है. यह कम स्पर्म काउंट, स्पर्म की कम स्पीड, या असामान्य स्पर्म साइज वाले पुरुषों के लिए विशेष रूप से इस्तेमाल होती है. आईसीएसआई उन कई बाधाओं को दूर करता है जो नेचुरली प्रेगनेंट होने में स्पर्म को अंडे को सफलतापूर्वक फर्टिलाइजेशन करने से रोक सकती हैं।
5. एम्ब्रियो कल्चर
एक बार फर्टिलाइजेशन होने के बाद बनने वाले एम्ब्रियो को कई दिनों तक कल्चर्ड किया जाता है. एम्ब्रियो की क्वालिटी की मॉनिटर की जाती है, और महिला के उतेरुस में ट्रांसफर करने के लिए बेस्ट क्वालिटी वाले एम्ब्रियो को सेलेक्ट किया जाता है।
6. एम्ब्रियो ट्रांसफर
प्रेगनेंसी की उम्मीद में एक या ज्यादा हेल्दी एम्ब्रियो को महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है. ट्रांसफर करने में किसी भी तरह का दर्द नहीं होता है जिसमें एनेस्थीसिया की जरूरत नहीं होती है।
7. प्रेग्नेंसी टेस्ट
एम्ब्रियो ट्रांसफर के लगभग 10-14 दिनों के बाद, यह चेक करने के लिए एक ब्लड टेस्ट किया जाता है कि ट्रांसफर सही से हुआ है और प्रेगनेंसी कन्फर्म हो गई है।
आईवीएफ कैसे मेल इनफर्टिलिटी पर काबू पाने में हेल्प करता है?
आईसीएसआई के साथ आईवीएफ उन पुरुषों को कई फायदे देता है जिनमें इनफर्टिलिटी की समस्या है:
1. स्पर्म संबंधी दिक्कतों को चेक करना : स्पर्म की क्वालिटी या काउंट बहुत खराब होने पर भी आईसीएसआई सफल होता है. यह कम स्पर्म काउंट या लौ मोतीलिटी की परवाह किए बिना प्रेग्रेंसी में मद्दत करता है।
2. ब्लॉकेज पर काबू पाना : कई पुरुषों का रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट ब्लॉक्ड होता है , जिससे स्पर्म ओवरी तक ट्रेवल नहीं कर पाता ऐसे मामलों में, TESA या PESA जैसी टेक्निक्स का इस्तेमाल करके सीधे टेस्ट्स और एपीडीडीमिस से स्पर्म एक्सट्रेक्ट जा सकते हैं।
3. बेहतर सक्सेस रेट : आईसीएसआई के साथ आईवीएफ ने मेल इनफर्टिलिटी के लिए सक्सेस रेट में बहुत सुधार किया है. इस तकनीक की मदद से ऐसे कपल भी बच्चा पैदा कर सकते हैं जिनके लिए नेचुरल तरीके से गर्भधारण करना संभव नहीं होता।
4. जेनेटिक टेस्टिंग : आईवीएफ में एंब्रियो के जेनेटिक स्क्रीनिंग (प्री इम्प्लांटेशन जेनेटिक टेस्टिंग या पीजीटी) की जाती है, जिससे हेअल्थी एम्ब्रियो के इंप्लांटिंग के चान्सेस इन्क्रेसे हो जाती है.IVF और ICSI उन पुरुषो के लिए वरदान है जो इनफर्टिलिटी की प्रोबलम को फेस कर रहे है यह एडवांस फर्टिलिटी ट्रीटमेंट उन कपल्स को फिर से पेरेंट्स बनने के होप को पूरा कर सकता है।