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'सिल्क्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के रेस्क्यू ऑपरेशन में अंतरराष्ट्रीय टनल एक्सपर्ट की सलाह के साथ ड्रोन तकनीक का प्रयोग'

Further work can be done through drone technology, Arnold Dix expressed apprehension.

उत्तरकाशी : ऑस्ट्रेलियाई एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स का बड़ा खुलासा: सिल्क्यारा सुरंग में ड्रोन तकनीक से हो रहा है रेस्क्यू !

अंतरराष्ट्रीय टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स का कहना है कि हम लोग अब बिल्कुल दरवाजे पर खड़े हैं। उत्तराखंड के सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की बाहर निकालने के लिए सरकार व तमाम एजेंसियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। सभी को उम्मीद है कि सभी श्रमिक सकुशल बहुत ही जल्द बाहर आ सकेंगे।

पीएम मोदी और सीएम पुष्कर सिंह धामी भी इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर पल-पल नजर रख रहे हैं। ड्रोन तकनीक का भी प्रयोग अब तक बचावकर्मी सिल्कयारा सुरंग में 46.8 मीटर तक ड्रिल कर चुके हैं।

अब से कुछ समय बाद रेस्क्यू ऑपरेशन दोबारा शुरू होने की उम्मीद है। ऑस्ट्रेलिया के अंतरराष्ट्रीय टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स का कहना है कि हम लोग अब बिल्कुल दरवाजे पर खड़े हैं।

सूत्रों के मुताबिक,  ऑगर ड्रिलिंग मशीन के प्लेटफार्म के नीचे हो रही कैंकरीटिंग के चलते गुरुवार को देर शाम कार्य रोक दिया गया।

इस बचाव अभियान में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके बारे में स्क्वाड्रन इंफ्रा माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के एमडी और सीईओ सिरिएक जोसेफ कहते हैं कि यह ड्रोन तकनीक नवीनतम है।

यह ड्रोन सुरंग के अंदर जा सकता है, जिन क्षेत्रों में जीपीएस काम नहीं करता इसकी पहुंच वहां भी है। श्रमिकों ने धातु के टुकड़ों को पाइप के अंदर रेंगकर काटा गुरुवार को अस्थाई मीडिया सेंटर, सिल्क्यारा में प्रेस रेस्क्यू ऑपरेशन के उत्तराखंड शासन की और से आये सचिव डॉ नीरज खेरवाल ने मीडिया को बताया कि ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू करते हुए कुल लगभग 45 मीटर तक ड्रिलिंग पूरी कर ली गई थी।

45 मीटर से आगे की ड्रिलिंग के बाद धातु के टुकड़े (सरिया) के मशीन में फंसने से ड्रिलिंग में बाधा सामने आ खड़ी हुई थी।

देर रात श्रमिक प्रदीप यादव एवं बलविंदर द्वारा पाइप के मुहाने पर फंसे धातु के टुकड़ों को पाइप के अंदर रेंगकर काट दिया गया है।

आगे का कार्य भी पूरी सावधानी के साथ किया जा रहा है। पुनः ऑगर मशीन से स्थापित कर ड्रिलिंग शुरू करते हुए 1.8 मीटर अतिरिक्त ड्रिलिंग की गई है।

आगे की ड्रिलिंग हेतु विशेष सावधानियां बरती जा रही है। सीएम ने सिल्क्यारा में अस्थायी कैंप ऑफिस बनाया वहीं सीएम सिल्क्यारा टनल में फंसे लोगों के रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग खुद कर रहे हैं।

सीएम धामी दो दिनों से उत्तरकाशी में डेरा डाले हुए हैं। यहीं पर उन्होंने अपना अस्थायी कैम्प ऑफिस बनाया हुआ है, जिससे रोजमर्रा के कामों में कोई बाधा न पड़े।

इससे  पहले गुरुवार को ईगास के मौके पर मुख्यमंत्री आवास पर लगभग एक हजार लोगों के साथ सीएम पुष्कर सिंह धामी को इस पर्व में शामिल होना था, लेकिन उन्होंने इसे रद्द कर दिया।

मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे लोगों ने बेहद सादगी से गौ पूजन करके पर्व मनाया। इस मौके पर लोगों ने टनल में फंसे श्रमिकों की जल्द से जल्द सकुशल बाहर निकलने की प्रार्थना भी ईश्वर से की।

उन्होंने कहा कि पूरी सावधानी बरतते हुए तेजी से ड्रिलिंग करना हमारी प्राथमिकता है।

इस दौरान एनएचडीआईएल के एमडी महमूद अहमद ने एवं पूर्व प्रधानमंत्री के सलाहकार भास्कर खुल्बे ने बताया कि था कि 12-14 घंटों का समय भी लग सकता है लेकिन इतना जरूर है कि पूरी रेस्क्यू टीम उत्साहित है।

 

 

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