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असमय खिला बुरांश,,,यहाँ जलवायु परिवर्तन के असर,,,,वसंत के आगमन से पहले ही अंत की चेतावनी.....

Untimely blooming of Buransh flowers is the first evidence of the roaring campaign of climate change.

उत्तराखंड : भारत में जलवायु परिवर्तन के असर अब साफ दिखाई देने लगे हैं। उत्तराखंड में वसंत के आने से पहले ही बुरांश के फूल खिल गए हैं।

इसके लाल फूल दुनियाभर से लोगों को आकर्षित करते रहे हैं। बुरांश के ये लाल फूल अपने औषधि गुण के लिए जाने जाते हैं।

भारत के अधिकांश हिस्सों में एक बार फिर वसंत से पहले ही गर्मी की ऋतु आती नजर आ रही है। अभी वसंत की पदचाप ही सुनाइ दे रही थी कि अचानक से गर्मी आ गयी।

इस साल पहाड़ों का गहना और उत्तराखंड का राजकीय फूल बुरांश खिल उठा है। यह इस बार किसी उत्सव की सूचना नहीं, बल्कि खतरे की घंटी बजा रहा है।

फरवरी में ही ये लाल रंग के शानदार फूल खिल गए हैं, जिसने पर्यावरणविदों और स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ा दी है।

आमतौर पर ये फूल मार्च-अप्रैल में अपने पूरे रंग में खिलते हैं, लेकिन इस बार इनका बेवक्त आगमन, जलवायु परिवर्तन का नतीजा माना जा रहा है।

भारत के कुछ हिस्सों में तापमान बढ़ना शुरू हो गया है। खासकर पश्चिमी तट वाले राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में दिन सामान्य से 5-10 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म हो गए हैं।

इस प्रवृत्ति को मौसम विज्ञानियों ने “बहुत असामान्य” कहा है। ऐसे में वसंत की पदचाप पूरी सुनाई पड़ने से पहले ही गर्मी का आगमन जलवायु परिवर्तन के असर को साफ़ बयान कर रहा है।

डॉक्‍टर पंकज नौटियाल, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख वैज्ञानिक हैं। वह बताते हैं, “इस साल जनवरी में ना तो ठीक से बारिश हुई और ना ही ठंड पड़ी।

दिन का तापमान तो इतना ज्यादा रहा कि मानो मार्च आ गया हो। यही वजह है कि बुरांश भी बेवक्त खिल गए हैं।

 

 

 

 

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