दोनों समूहों के बीच गर्मागर्म बहस जल्द ही बढ़ गई और कुछ सदस्यों को एक-दूसरे के साथ मारपीट करते देखा गया। दोनों गुटों को अलग करने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
इस बीच बेरोजगारों के आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस पार्टी का धरना सोमवार को भी जारी रहा।
जिस दिन कांग्रेस पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने छात्रों पर क्रूर बल प्रयोग और छात्रों पर मामले दर्ज करने पर अपना विरोध व्यक्त करने के लिए राज्य सचिवालय की ओर मार्च किया।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष करण महरा, पूर्व पीसीसी अध्यक्ष प्रीतम सिंह, वरिष्ठ नेता मनीष खंडूरी, विधायक विक्रम सिंह नेगी और अन्य ने मार्च में भाग लिया।
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प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार के तानाशाही रवैये के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
उन्होंने मांग की कि बेरोजगारों के नेता बॉबी पंवार व अन्य को तत्काल रिहा किया जाए।
पूर्व पीसीसी अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि युवाओं को राज्य सरकार पर भरोसा नहीं है।
मार्च को पुलिस ने आगे बढ़ने से रोक दिया, जिसके बाद कांग्रेस नेताओं ने गिरफ्तारी दी।