ग्रामीणों ने हाथियों को देखा तो वे जानवरों से बचने के लिए भागने लगे। हालांकि, दुर्भाग्य से तीन लोग हाथियों के समूह के सामने आ गए और उनकी मौत हो गई।
लोगों की चीख-पुकार सुनकर हाथियों का झुंड आखिरकार भाग निकला।
घायलों को अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मृतकों की पहचान हिम कुमार रॉय, सचित विश्वकर्मा और शरत लामा के रूप में हुई है।
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पुलिस ने बताया कि छह महीने पहले इसी तरह के हमले में इसी गांव में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
ग्रामीणों ने बताया कि जंगल में भोजन की कमी के कारण जंगली हाथी अक्सर गांव में प्रवेश कर जाते हैं।
उन्होंने राज्य सरकार से गांवों के आसपास हाथी बफर जोन की पहचान करने और मानव-पशु संघर्ष को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया है।