इसके तहत यदि परिवारीजनों द्वारा स्वयं या भीड़ जुटाकर रास्ते या सार्वजनिक स्थान पर शव रखकर प्रदर्शन किया तो इसे शव का अपमान मानते हुए उनके विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
एसओपी के मुताबिक पोस्टमॉर्टम के बाद परिवार को शव सौंपते वक्त लिखित सहमति ली जाएगी कि वे शव को पोस्टमार्टम हाउस से सीधे अपने घर ले जाएंगे और धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार अंत्येष्टि स्थल पर ले जाएंगे।
इस दौरान वे बीच रास्ते में कहीं भी शव रखकर भीड़ एकत्र करने, जाम लगाने अथवा किसी दल या संगठन के सहयोग से धरना-प्रदर्शन नहीं करेंगे. ऐसा करने पर कठोर कार्रवाई होगी।
इसी तरह अगर कोई समूह या संगठन शव के साथ प्रदर्शन करता है और कानून व्यवस्था के खिलाफ कार्य करता है तो उसके खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।