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भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की विशेष बैठक, कंपनियों के तिमाही नतीजे और अमेरिकी केंद्रीय बैंक के निर्णय से तय होगी बाजार की चाल.

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौर ने कहा, ‘‘फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक, वाहन बिक्री के आंकड़े और कंपनियों के तिमाही नतीजों पर बाजार की निगाह रहेगी।

इसके अलावा बाजार की नजर रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन नवंबर को बुलाई गई विशेष बैठक पर भी होगी।

अब दूसरी तिमाही के नतीजों का अंतिम दौर शुरू हो चुका है।

ऐसे में सप्ताह के दौरान शेयर विशेष गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं।

अक्टूबर के वाहन बिक्री के आंकड़े महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इनसे हमें त्योहारी मांग का पता चलेगा।

एमपीसी की विशेष बैठक तीन नवंबर को होगी। रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति को छह प्रतिशत से नीचे रखने के लक्ष्य में क्यों विफल रहा है, बैठक में इसपर रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

जनवरी से लगातार तीन तिमाहियों से मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से ऊपर रही है।

ऐसे में रिजर्व बैंक को सरकार को रिपोर्ट सौंपकर इसकी वजह बतानी है।

गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली छह सदस्यीय समिति मुद्रास्फीति के लक्ष्य को हासिल करने में विफलता के कारकों पर रिपोर्ट तैयार करेगी।

रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष शोध अजित मिश्रा ने कहा, कई कारणों से यह सप्ताह बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेगा।

इस सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक है। इसके अलावा एमपीसी की बैठक भी होनी है।

साथ ही बाजार की दृष्टि से वाहन बिक्री के आंकड़े भी महत्वपूर्ण रहेंगे।

उन्होंने कहा कि तिमाही नतीजे अब तेजी पकड़ेंगे।

इस दौरान भारती एयरटेल, लार्सन एंड टुब्रो, टाटा स्टील, सन फार्मा, हीरो मोटोकॉर्प, एचडीएफसी, सिप्ला और टाइटन सहित कई अन्य बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजों की घोषणा होगी।

 

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