माननीय न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/ पंचम सीनियर सिविल जज, देहरादून के समक्ष वादी व अन्य गवाहों को न्यायालय के समक्ष परीक्षित किया गया हैं।
जिसमें वादी मुकदमा की तहरीर के आधार पर थाना क्लेमनटाउन पर मुकदमा अपराध नंबर 56/2010, के अंतर्गत धारा 454 व 380 IPC दर्ज किया गया था।
अभियुक्त न्यायालय में पेश हुआ और विचरण की मांग की और अभीयोजन पक्ष के फर्द जमा तलाशी, नक्शा नजरी आदि दस्तावेज़ पत्रावली पर दाखिल किए गए थे।
अभियोजन ने चार मौखिक साक्ष्य मिर्दुल कुमार, सुरेन्द्र सिंह नेगी, नवीन कुमार को परीक्षित कराया गया था।
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जिसमें की बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता दीपक मेगवाल एवं विद्वान सहायक अभियोजन अधिकारी अशोक कुमार शर्मा को सुना गया।
उपरोक्त समस्त परिचर्चा एवं पत्रावली पर उपलब्ध दस्तावेजों तथा अभियोजन की ओर से परीक्षित साक्षियों के साक्ष्य से अभियोजन कथानक को कोई समर्थन नहीं हुआ हैं।
जिस कारण अभियोजन पक्ष अपने कथानक को साबित करने में असफल रहा हैं।
इस घटना में अभियुक्त उमर अहमद का कोई लेना देना नहीं हैं, जिस पर नयायालय द्वारा अभियुक्त पर लगाए गए सभी आरोपों से दोषमुक्त किया गया हैं. इस केस की पैरवी दीपक एस: मेंगवाल अधिवक्ता ने की हैं।