देश के प्रमुख राज्यों में शुमार बिहार की तस्वीर जल्दी ही बदलने वाली है, जिसके बाद पिछले तीन दिनों से इस राज्य में चल रहा राजनीतिक भूचाल थम जाएगा और सत्ता किसके हाथ में होगी यह भी स्पष्ट हो जाएगा।
अब लगभग स्पष्ट हो चुका है कि बिहार के पूर्व सीएम नीतीश कुमार एक बार फिर भाजपा में वापसी करेंगे और अपनी सरकार बनाने का दावा करेंगे।
आपको बता दें कि बिहार के हालात को लेकर शनिवार को पटना में आरजेडी के विधायक दल की बैठक बुलाई गई है।
यह बैठक तेजस्वी यादव के सरकारी आवास पर दोपहर एक बजे बुलाई गई है।
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वहीं नीतीश कुमार रविवार को अपने विधायकों व नेताओं के साथ रविवार को विचार विमर्श करेंगे।
संभावना जताई जा रही है कि जनता दल यू की बैठक के बाद नीतीश के सिर पर फिर से बिहार के मुख्यमंत्री का सेहरा बंध सकता है और वह सोमवार को सरकार बनाने का दावा कर सकते हैं।
इसी के साथ भाजपा ने भी अपने सांसद और विधायकों की बैठक को बुलाया है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो यह दोनों ही बैठक बेहद खास होने वाली है।
इन दोनों बैठकों में बिहार की सत्ता को लेकर बड़ा फैसला लिया जाना वाला है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि दोनों दलों की दोनों बैठकों के बाद बिहार की राजनीतिक तस्वीर साफ हो जाएगी, साथ ही यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि बिहार की सत्ता किसके हाथ में जाने वाली है।
आपको बता दें कि भाजपा के दिल्ली स्थित मुख्यालय पर शुक्रवार की शाम एक अहम बैठक बुलाई गई थी, जिसमें भाजपा आलाकमान ने बिहार की राजनीति को लेकर गहन विचार मंथन किया।
हालांकि भाजपा अभी बिहार और नीतीश कुमार को लेकर खुलने बोलने में परहेज कर रही है, लेकिन अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि भाजपा एक बार फिर से नीतीश कुमार से हाथ मिला सकती है।
आपको बता दें कि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के पास बिहार में 78 विधायक हैं। जीतनराम मांझी की पार्टी हम पाटी के 4 विधायक हैं।
बिहार में असदुद्दीन आवैसी का भी एक विधायक है, लेकिन यह विधायक न तो एनडीए में शामिल है और ना ही महागठबंधन के साथ। कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार का जिधर का रूख कर लें, उधर की सरकार बन सकती है।
बिहार विधानसभा के नंबर गेम की बात करें तो 243 सदस्यों वाले सदन में बहुमत के लिए जरूरी जादुई आंकड़ा 122 विधायकों का है. लालू यादव के नेतृत्व वाली आरजेडी 79 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, वहीं बीजेपी 78 विधायकों के साथ दूसरे नंबर पर है।
नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू 45 विधायकों के साथ तीसरे नंबर की पार्टी है।
कांग्रेस के 19 और लेफ्ट के 16 विधायक हैं। आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट, तीनों के विधायकों की संख्या जोड़ लें तो कुल सदस्य संख्या 114 पहुंचती है जो बहुमत के लिए जरूरी जादुई आंकड़े से आठ कम है।
वहीं नीतीश के पाला बदलने की खबरों के बीच आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव काफी बेचैन नजर आ रहे हैं।
बताया जा रहा है कि, लालू ने नीतीश को करीब 5 बार फोन किया लेकिन नीतीश ने लालू का फोन नहीं उठाया जिससे नीतीश ने साफ संदेश दे दिया है कि, वो बीजेपी के साथ जाने वाले हैं।