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'वक्फ संपत्तियों की आरटीआई एक्ट के दायरे में लाने के आदेश से प्रदेश के वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन होगा पारदर्शी'

'After clarification in the management of Waqf properties, right to information becomes important in Uttarakhand'

उत्तराखंड में वक्फ संपत्तियों की स्थिति और सूचना का अधिकार महत्वपूर्ण हो गया है। सूचना आयोग के सख्त निर्णय के बाद, वक्फ संपत्तियों को आरटीआई एक्ट के तहत लाने के आदेश दिए गए हैं। इससे लोगों को वक्फ संपत्तियों की प्रबंधन में पारदर्शिता मिलेगी।

जानकारी के अनुसार,  अब अरबों रुपये की वक्फ संपत्तियों की स्थिति क्या है, उनके आय-व्यय और कार्यों की प्रक्रिया किस तरह संचालित की जा रही है, अब इसकी जानकारी सार्वजनिक हो पाएगी।

सूचना आयोग की सख्ती के बाद वक्फ संपत्तियों को आरटीआइ एक्ट में दायरे में लाने के आदेश उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने कर दिए हैं।

जिसके बाद यह साफ हुआ कि सभी वक्फ संपत्तियां बोर्ड के नियंत्रण में हैं और बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी किसी भी वक्फ संपत्ति के दस्तावेजों आदि का निरीक्षण, परीक्षण कर सकते हैं या करवा सकते हैं।

सभी वक्फ संपत्तियां सरकार के अधीन पाई गई। सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने प्रकरण में पूर्व व वर्तमान मुख्य कार्यपालक अधिकारी से भी जवाव मांगा था।

जिसके क्रम में पिरान कलियर दरगाह के प्रबंधन को आरटीआई एक्ट के दायरे में लाने के आदेश भी कर दिए गए। अब यहां लोक सूचना अधिकारी की तैनाती कर दी गई है।

करीब 2200 वक्फ संपत्तियां उत्तराखंड वक्फ बोर्ड में पंजीकृत हैं। वक्फ अधिनियम-1995 (संशोधित 2013) के तहत इन पर उत्तराखंड वक्फ बोर्ड का नियंत्रण तो है, लेकिन यहां पारदर्शी व्यवस्था से हमेशा पल्ला झाड़ा जाता रहा है।

इसी कारण से वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन ने लोक सूचनाधिकारियों की तैनाती से परहेज किया। नए आदेश के बाद ऐसी मनमर्जी नहीं चलेगी।

इसके साथ ही अन्य सभी वक्फ प्रबंधन में भी आरटीआई एक्ट लागू करने के आदेश जारी किए गए हैं।

सूचना आयोग ने निर्देश दिए हैं कि छह माह के भीतर सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा-4 के तहत मैनुअल तैयार किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने सूचना देने के लिए विधिसम्मत व्यवस्था बनाने को कहा।

जुलाई 2022 में मांगी गई थी जानकारी वक्फ संपत्तियों का सूचना का अधिकार अधिनियम से परहेज का मामला नगर पंचायत पिरान कलियर निवासी अधिवक्ता दानिश सिद्दीकी के आरटीआई आवेदन के माध्यम से सामने आया था।

उन्होंने पिरान कलियर दरगाह के विभिन्न कार्यों की जानकारी उत्तराखंड वक्फ बोर्ड से जुलाई 2022 में मांगी थी।

जवाब में बताया गया कि पिरान कलियर में कोई लोक प्राधिकारी नहीं है, लिहाजा इस संबंध में सूचना नहीं दी जा सकती। प्रथम विभागीय अपीलीय अधिकारी स्तर से भी जानकारी न मिलने पर प्रकरण सूचना आयोग पहुंचा।

अपील पर सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने वक्फ बोर्ड के अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए वक्फ अधिनयम और वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण आदि तथ्यों को स्पष्ट करने को कहा था।

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