उत्तराखण्ड : एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई, सितारगंज में नकली हर्बल दवाइयाँ के बनावटी गैंग का पर्दाफाश, दो को गिरफ्तार किया गया हैं ।
एसटीएफ ने स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के साथ ज्वांइट ऑप्रेशन में सितारगंज के एक मकान में नकली हर्बल दवाइयाँ बनाने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है।
छापेमारी में हर्बल के नाम पर विभिन्न बीमारियों के इलाज के नाम पर ऑनलाइन बेची जा रही थी दवाइयाँ, मौके से हर्बल लिखा चूर्ण, कैप्सूल, ड्राप, मुर्गा दाना लिखा कट्टे व कुछ मशीनें बरामद हुई हैं।
आरोपियों में सलमान पुत्र मो0 हनीफ निवासी ग्राम उदयपुर थाना अमरिया जिला पीलीभीत,. फैजान पुत्र मो0 हनीफ निवासी ग्राम उदयपुर थाना अमरिया जिला पीलीभीत शामिल हैं।
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इनके पास से 500 डिब्बे पैक्ड दवाईयाँ, 500 कैप्सूल, 3 कट्टे में रॉ-मैटेरियल, 2 मशीनें बरामद हुई।
मौके भारी मात्रा में मिली दवाइयों व रॉ-मैटेरियल को सील कर सैंपल लिये गये।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा बताया गया कि एसटीएफ को सितारगंज में अवैध दवाई फैक्ट्री संचालित होने की सूचना मिली थी जिस पर कुमायूँ टीम को मेरे द्वारा निर्देशित किया गया था।
कल शाम सीओ एसटीएफ सुमित पाण्डे द्वारा गठित टीम ने सितारगंज के थारु गौरीखेड़ा क्षेत्र में स्थानीय प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को साथ लेकर एक घर में छापेमारी की तो टीम को वहाँ हर्बल दवाओं के नाम पर भारी मात्रा में चूर्ण, कैप्सूल, पाउडर मिला।
दवाओं में किसी ब्रांड के रैपर,टैग नही लगे थे। इन दवाओं की ताकत बढ़ाने और बीमारियों के इलाज के लिए ऑनलाइन बिक्री की जा रही थी।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल के मुताबिक, मौके से टीम को मुर्गा लिखे हुए चूर्ण के कट्टे मिले हैं इसी चूर्ण को प्लास्टिक के कैप्सूलों में भरा गया है सम्बन्धित विभाग द्वारा इन दवाओं के सैंपल लिये गये हैँ।
इन दवाओं के सम्बन्ध में फोरेसिंक जाँच से ही वास्तविकता सामने आ पायेगी। फिलहाल बरामद दवाइयों और मकान को सीलबन्द कर दिया गया है।
हर्बल दवा के नाम पर ऑनलाइन दवा बेचने वाले दो लोगों के द्वारा इस मकान को किराये पर लिया गया था।
चार माह से बिना लाइसेंस दोनों इस मकान में दवाओं को बनाकर ऑनलाइन व्यापार कर रहे थे।
इनके द्वारा विभिन्न बीमारियों के इलाज में पार्सल से दवा भेजकर मोटी रकम वसूली जा रही थी, एक डिब्बे के 1575 रु. वसूले जाते थे सभी प्रकार की बीमारियों में एक ही प्रकार की दवा भेजी जाती थी।