उत्तराखंड : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि ये सुनिश्चित किया जाए कि खतौनी की अधिकृत प्रति के लिए लोगों को तहसील जाने की जरूरत न पड़े।
इसके साथ ही सीएम ने निर्देश दिए कि जमीन के दाखिल खारिज की कार्यवाही निर्धारित समयावधि में पूरी की जाए।
खतौनी की प्रति के लिए तहसील जाने की ना पड़े जरूरत
सीएम धामी ने सोमवार को बैठक कर अधिकारियों को निर्देश दिए कि खतौनी की अधिकृत प्रति के लिए लोगों को तहसील जाने की जरूरत न पड़े।
उन्होंने कहा कि इसके लिए ऑनलाईन माध्यम से निर्धारित शुल्क की व्यवस्था कर 15 जुलाई तक खतौनी की ऑनलाईन अधिकृत प्रति उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व न्यायालयों में सप्ताह में दो दिन सुनवाई अनिवार्य किया जाए। यदि कोई मजिस्ट्रेट किसी कारणवश तिथि को में न्यायालय में नहीं बैठ पाए तो इसका उन्हें कोर्ट डायरी में स्पष्ट उल्लेख करना आवश्यक होगा।
जमीन के दाखिल खारिज की कार्यवाही निर्धारित समयावधि हो पूरी
मुख्यमंत्री धामी ने सख्त निर्देश दिए कि जमीन के दाखिल खारिज की कार्यवाही निर्धारित समयावधि में पूर्ण की जाए।
उन्होंने गढ़वाल और कुमांऊ कमिश्नर को निर्देश दिए कि दाखिल खारिज और राजस्व न्यायालयों के वादों को निस्तारण के सबंध में नियमित समीक्षा करें।
इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि ‘अपुणि सरकार पोर्टल’ के तहत सेवा के अधिकार में जो सेवाएं दी जा रही हैं वो लोगों को निर्धारित समयावधि में मिले। इसमें लापरवाही करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए।
राजस्व विभाग की सेवाएं पोर्टल से जोड़ी जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व विभाग की अधिक से अधिक सेवाएं ‘अपुणि सरकार पोर्टल’ से जोड़ी जाए।
तहसीलों में आने वाले लोगों के लिए बैठने, पेयजल एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने गढ़वाल और कुमांऊ आयुक्त तथा जिलाधिकारियों को समय-समय पर तहसीलों की विभिन्न व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने खतौनी पुनरीक्षण अद्यतन किए जाने और खतौनी में दर्ज खातेदारों और सह खातेदारों का नवीन डाटाबेस तैयार किए जाने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए।
उन्होंने राजस्व अभिलेखें में दर्ज सम्पूर्ण भूमि का आधुनिक विधि से जल्द सर्वे किए जाने के निर्देश दिए।