ये सभी आरोपियों एक ही परिवार के हैं, जिसमे की इन परिवार के ही लोगों ने रुपयों की लेनदेन को लेकर नितिन भंडारी की हत्या कर दी, जिसमें की शासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही हैं, इसमें डीजीपी अशोक कुमार को अग्रिम कार्यवाही के बाद नितिन भंडारी के हत्याकांड के आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए।
नितिन भंडारी को आरोपियों ने 27 नवंबर को मौत के घाट उतार दीया था और अनाज की टंकी में उसका शव छुपा कर फरार हो गए।
जिसमें की एसएसपी हरिद्वार अजय सिंह ने शव को बरामद होने पर पुलिस ने जब किराएदार के बारे में मकानमालिक से जानकारी ली तो पता चला की किराएदार का सत्यापन नहीं किया गया था और न ही उनके बारे में कोई जानकारी मिली।
मृतक की जेब से एंनटीएल कंपनी का एक कागज मिला था।
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जिसके आधार पर कंपनी के कर्मचारियों से मृतक की शिनाख्त कराने से मृतक की पहचान नितिन भंडारी पुत्र ओम प्रकाश भंडारी के रूप में हुई।
पुलिस को एलेक्ट्रानिक सर्विलेंस के आधार पर उक्त कमरे में किराए पर रहने वालों के बुलंदशहर यूपी की आईडी के मोबाइल नंबर मिले हैं।
मोबाइल लोकेशन की जांच में पता चला की आरोपी हत्या के बाद से जयपुर, ग्रेटर नोएडा, बुलंदशहर, गाज़ियाबाद अलग- अलग शहरों में ठहरे हुए है।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि 27 नवंबर को नितिन भंडारी कि हत्या करने के बाद आरोपी 28 नवंबर को अनाज कि बड़ी टंकी खरीदकर लाए थे।
जिसके बाद 29 नवंबर को किराए के मकान खाली कर वे लोग पिकअप वाहन में अपना सामान लेकर वहां से चले गए थे।
पिकअप वाहन चालक ने बताया कि आरोपी बुलेट के नंबर के आधार पर आरोपियों को बुलंदशहर होना पता चला हैं।
हरिद्वार पुलिस ने 4 दिसम्बर को हत्याकांड के आरोपी गुलशन बेगम पत्नी जफर व एक नाबालिग को पकड़ा हैं और अन्य आरोपी आजाद पुत्र जफर व नौशाद पुत्र जफर को निवासी धमेड़ा अड्डा, थाना कोतवाली नगर बुलंदशहर उत्तरप्रदेश को उनके किराए के कमरे कस्बा हल्दौनी, दादरी ग्रेटर नोएडा उप्र से गिरफ्तार कर लिया हैं।
मृतक नीतिन भंडारी से लिए गए एक लाख दस हजार रुपये नगद व मृतक का अन्य समान भी आरोपियों के पास से बरामद किया गया हैं ।
आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि आरोपियों ने नितिन भंडारी से लगभग ढाई लाख रुपये ले रखे थे।
जब नितिन भंडारी ने उनसे अपने ही रुपये बार-बार वापस मांगने लगा तो इन लोगों ने उसकों मौत के घाट उतार दिया।
हरिद्वार एसएसपी अजय सिंह के दिशानिर्देश में घाटना के अनावरण के लिए अलग-अलग पुलिस व सीईयू कि टीमों का गठन किया गया हैं।
इस मर्डर मिस्ट्री को 48 घंटों में सुलझाते हुए, इस घटना में संलिप्त चरों अभियुक्तों को अलग-अलग शहरों से गिरफ्तार किया गया हैं।
पुलिस टीम के यूनिट के तौर पर काम कर बेहद कम समय में सारे आरोपियों को कनून के घेरे में लाने पर एसएसपी ने टीम को 25000रुपये कि घोषणा कि हैं।
उत्तराखंड में कितने मर्डर (हत्याकांड) हो रहे हैं इसमे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इन सभी आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए।