केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री व किसान मसीहा के नाम से प्रसिद्ध चौधरी चरण सिंह को सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न देने का एलान किया गया है।
इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव तथा वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भी भारत रत्न देने का एलान किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक्स पर इसका एलान किया। इससे पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर और देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आणवाणी को भी यह सम्मान देने का एलान हो चुका है।
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आडवाणी को छोड़कर बाकी चारों हस्तियों को मरणोपरांत यह सम्मान दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है।
यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की।
वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे। हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है।
वहीं कांग्रेस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने का ऐलान करते हुए पीएम मोदी ने कहा, यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारे पूर्व प्रधान मंत्री पीवी नरसिम्हा राव गरू को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा।
एक प्रतिष्ठित विद्वान और राजनेता के रूप में, नरसिम्हा राव गरू ने विभिन्न क्षमताओं में भारत की बड़े पैमाने पर सेवा की।
उन्हें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और कई वर्षों तक संसद और विधानसभा सदस्य के रूप में किए गए कार्यों के लिए समान रूप से याद किया जाता है।
उनका दूरदर्शी नेतृत्व भारत को आर्थिक रूप से उन्नत बनाने, देश की समृद्धि और विकास के लिए एक ठोस नींव रखने में सहायक था।
पीएम मोदी ने आगे लिखा, प्रधानमंत्री के रूप में नरसिम्हा राव गारू का कार्यकाल महत्वपूर्ण कदम उठाने के रूप में जाना जाता है जिन्होंने भारत को वैश्विक बाजारों के लिए खोल दिया, जिससे आर्थिक विकास के एक नए युग को बढ़ावा मिला।
इसके अलावा, भारत की विदेश नीति, भाषा और शिक्षा क्षेत्रों में उनका योगदान एक ऐसे नेता के रूप में उनकी बहुमुखी विरासत को रेखांकित करता है, जिन्होंने न केवल महत्वपूर्ण बदलावों के माध्यम से भारत को आगे बढ़ाया बल्कि इसकी सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत को भी समृद्ध किया।