लोकसभा चुनाव के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन और पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्तों पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने देश में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत में सभी धर्मों के लोग खुशी से रह रहे हैं. उन्होंने राम मंदिर और पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध पर भी चर्चा की है।
PM ने कहा है कि भारत और चीन के रिश्ते खास और अहम हैं. उन्होंने कहा है कि दोनों देशों के बीच चल रहे सीमा विवाद को जल्दी सुलझाने की जरूरत है।
अमेरिकी न्यूज मैग्जीन न्यूजवीक को दिए एक इंटरव्यू में PM मोदी से भारत में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव को लेकर एक सवाल पूछा गया था।
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इसके जवाब में उन्होंने कहा कि भारत में सभी धर्मों के लोग खुश हैं और संपन्न हो रहे हैं. चाहे वे मुस्लिम, बौद्ध, ईसाई, सिख या पारसी हों. उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोगों की ये आदत होती है कि वो अपने दायरे से बाहर के लोगों से मिलने की जहमत नहीं उठाते।
PM ने कहा कि जब योजना बनाने और इनोवेशन की बात आती है तो सरकार एक अलग तरह के दृष्टिकोण से काम करती है।
ये योजनाएं किसी विशेष समुदाय या किसी जगह तक सीमित नहीं होती हैं. इसे सभी लोगों तक पहुंचाया जाता है।
इन्हें इस तरह से बनाया जाता है कि किसी के साथ भेदभाव नहीं हो सके. घर, शौचालय, पानी कनेक्शन, गैस सिलेंडर और स्वास्थ्य बीमा समुदाय और धर्म की परवाह किए बिना सभी लोगों तक पहुंच रही है।
चीन पर क्या कहा?
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और चीन के बीच शातिपूर्ण संबंध पूरे क्षेत्र और दुनिया के लिए जरूरी है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस बारे में सकारात्मक प्रयास किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सीमाओं पर लंबे समय से चली आ रही स्थिति पर तत्काल बातचीत करने की जरूरत है. ताकि मतभेदों को खत्म किया जा सके।
PM मोदी से पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध के बारे में भी सवाल पूछा गया. इसके जवाब में उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को पदभार संभालने पर बधाई दी।
कहा कि भारत हमेशा आतंक और हिंसा से मुक्त माहौल में शांति, सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ाने के समर्थन में रहा है।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जेल में डाले जाने पर उन्होंने कहा वो पाकिस्तान के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी नहीं करेंगे।
बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने राम मंदिर पर कहा कि श्रीराम का नाम हमारी राष्ट्रीय चेतना पर दर्ज है. उनके जीवन ने हमारी सभ्यता में विचारों और मूल्यों की रूपरेखा तय की है।