इन दिनों विश्व में ब्लू जोन लगातार बढ़ रहे हैं। ब्लू जोन उन स्थानों को कहा जाता है जहां लोग 100 वर्ष या उससे भी अधिक वर्ष तक जीवित रहते हैं।
ब्लू जोन की यह भी विशेषता होती है कि ब्लू जोन में रहने वाले लोग लम्बी उम्र तक बिना किसी बिमारी के पूरी तरह स्वस्थ जीवन जीते हैं।
पूरी दुनिया में आधा दर्जन से अधिक ब्लू जोन हैं।
कैसे जीते हैं स्वस्थ जीवन
आपने अब तक यह पढ़ा कि ब्लू जोन के लोग 100 वर्ष से भी अधिक की उम्र तक जीवित रहते हैं।
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इतना ही नहीं ब्लू जोन में लोग बीमार नहीं होते हैं। अब यह समझने का प्रयास करते हैं कि ब्लू जोन में ऐसी क्या विशेषता हाती है कि वहां रहने वाले लम्बी आयु प्राप्त करते हैं तथा बीमार भी नहीं होते हैं।
इस विषय में एक ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्लू जोन के ज्यादातर लोग शाकाहारी होते हैं। अपनी शाकाहारी जीवनचर्या के कारण ही ब्लू जोन के नागरिकों को लम्बी उम्र तथा स्वस्थ्य जीवन जीने का सौभाग्य प्राप्त होता है।
ब्लू जोन में लम्बी उम्र का पूरा राज
जानकारी के अनुसार,, हमेशा जवान बने रहने और लंबी उम्र हासिल करने की चाहत रखने वालों के लिए अरबों पाउंड का उद्योग दुनिया भर में चल रहा है, जिसमें बुढ़ापा रोकने वाले उत्पादों से लेकर पूरक आहार तक बनाए और बेचे जा रहे हैं।
बीसवीं सदी के ब्रिटेन में औसत जीवन प्रत्याशा लगभग 46 साल थी, जो आज 82 साल के आसपास है।
जाहिर है, पहले के मुकाबले हम आज लंबा जीवन जी रहे हैं और संभवत: इसका कारण चिकित्सा विज्ञान की तरक्की और रहन-सहन व कामकाज की स्थितियों में आया सुधार है।
लेकिन आज हम देख रहे हैं कि पुरानी और समय के साथ बढ़ती जाने वाली बीमारियां तेजी से फैल रही हैं।
दिल की बीमारियां इनमें सबसे ऊपर है। इसलिए जब हम यह सोच रहे हैं कि लंबा जीवन कैसे जिए, तो हमारी दिलचस्पी यह सोचने में होनी चाहिए कि हम लंबे समय तक स्वस्थ कैसे रहें?
दुनिया भर में कुछ ऐसी जगहों की खोज की गई है, जहां सौ साल की आयु पूरी कर चुके शारीरिक और मानसिक रूप से पूर्ण स्वस्थ लोगों का अनुपात कहीं ज्यादा है।
इटली के सार्डिनिया द्वीप में ऐसे भौगोलिक स्थानों की पहचान के लिए अध्ययन किया गया, जहां सौ साल से ज्यादा उम्र के लोग काफी हैं।
इन जगहों को ब्लू जोन’ कहा जाता है। इन जगहों में अब सार्डिनिया के साथ-साथ इकारिया (ग्रीस), ओकिनावा (जापान), निकोया (कोस्टारिका) और लोमा लिंडा (कैलिफोर्निया) भी शामिल हो गए हैं।
हालांकि अध्ययनों से यह संकेत मिलता है कि दीर्घायु में आनुवंशिकता केवल 20 से 25 प्रतिशत तक ही निर्णायक होती है।
दिलचस्प यह भी है कि सब्जियां, फल, फलियों जैसे खाद्यों (प्लांट फूड) से भरपूर आहार इन सभी इलाकों में अच्छा-खासा मिलता है।
जैसे-लोमा लिंडा के लोग शाकाहारी हैं। ओकिनावा में लंबी उम्र के लोग बैंगनी शकरकंद, सोया और हरी सब्जियों का सेवन ज्यादा करते हैं।
सार्डिनिया में स्थानीय स्तर पर उगाई जाने वाली सब्जियों, पारंपरिक खाद्य पदार्थों, शहद और चीज आदि के अलावा मांस और मछली का सेवन संतुलित रूप में ही किया जाता है।
जबकि कुछ ब्लू जोन ऐसे हैं, जहां लोग जैतून का तेल, वाइन, चाम आदि का सेवन करते हैं, क्योंकि इनमें एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं।
ऐसे में यह विचार करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि लंबी उम्र पाने वाली आबादी क्या नाहीं कर रही है, जितना यह विचार करना कि लंबी उम्र के लिए ये लोग क्या करते हैं।