पौड़ी के द्वारीखाल ब्लाक में प्राइमरी स्कूल बरसूड़ी के प्रधानाध्यापक पर निलंबन की गिरि गाज, बिना अवकाश स्वीकृत कराएं स्कूल से गायब रहने और कई बार स्पष्टीकरण लिए जाने के बावजूद कार्यप्रणाली में सुधार नहीं होने पर जिला शिक्षाधिकारी बेसिक पौड़ी ने प्रधानाध्यापक के निलंबन के आदेश जारी कर दिए
जिले में हाल ही में हुई एक घटना ने स्कूल शिक्षा से जुड़े मामलों में बड़ा खुलासा किया है।
जानकारी के अनुसार, इस संबंध में उपशिक्षाधिकारी द्वारीखाल ने अपनी रिपोर्ट दी थी। प्रधानाध्यापक को निलंबित करते हुए उपशिक्षाधिकारी द्वारीखाल के दफ्तर से अटैच भी कर दिया गया है।
जिला शिक्षाधिकारी बेसिक ने इस मामले के संबंध में बताया कि द्वारीखाल ब्लाक के तहत आने वाले राजकीय प्राथमिक विद्यालय बरसूड़ी में तैनात प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया गया है।
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प्राइमरी प्रधानाध्यापक बरसूड़ी के निलंबन के आदेश जारी करते हुए उपशिक्षाधिकारी द्वारीखाल के दफ्तर से ही अटैच कर दिया गया है।
इसके बाद जांच की प्रक्रिया भी शुरू की गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आरोपों में कितना सच है और क्या कार्रवाई की आवश्यकता है।
उपशिक्षाधिकारी द्वारीखाल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि प्रधानाध्यापक के खिलाफ कई बार गंभीर आरोप लगे थे, जिनमें स्कूल से बिना अवकाश स्वीकृत कराएं गायब रहना भी शामिल था।
वे इसके बावजूद कार्यप्रणाली में सुधार नहीं कर पा रहे थे, जिसके चलते उन्हें निलंबित करना आवश्यक था।
यह मामला उत्तराखंड के शिक्षा विभाग के लिए भी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि इससे शिक्षा संबंधित मुद्दों पर नजरें संजोने की आवश्यकता है।
इस मामले में जांच के बाद ही सच्चाई सामने आ सकेगी, लेकिन जब तक यह मामला चर्चा में है, तब तक यह उत्तराखंड में एक महत्वपूर्ण टॉपिक रहने की संभावना है।
इसके अलावा, इस मामले से संबंधित हो रही खबरें और विवाद सोशल मीडिया पर भी बहस का विषय बन चुके हैं, और लोग इस पर अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं।
यह मामला उत्तराखंड के शिक्षा सिस्टम में सुधार की जरूरत को दरकिनार करने का अवसर भी प्रदान कर सकता है, ताकि छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सके और उनका भविष्य सुनहरा बन सके।