जबकि इसी प्रकरण पर कानून गौ रमेश रावत का ताबदला धुमाकोट तहसील कर दिया गया है।
दरअसल लैंसडाउन पटवारी वंदना टम्टा द्वारा लैंसडाउन के स्थानीय व्यापारी से हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने की एवज में 3000 रुपये फोन कॉल कर मांगे गए थे।
लैंसडाउन पटवारी और स्थानीय व्यापारी के बीच हुई बातचीत का ऑडियो वायरल होते ही इस गम्भीर प्रकरण का संज्ञान जिलाधिकारी ने आशीष चौहान ने तत्काल ही लिया और लैंसडाउन एसडीएम से प्रकरण की जांच रिपोर्ट मांगी गई थी।
अब एसडीएम की जांच रिपोर्ट मिलते ही जिलाधिकारी ने लैंसडाउन पटवारी वंदना टम्टा को निलंबित कर दिया है।
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जबकि क़ानूनगौ का तबादला भी किया है।
पटवारी वंदना टम्टा द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत के खिलाफ अपशब्दों का इस्तमाल भी वायरल आडियो में किया गया था।