भारत सरकार ने 14 अगस्त 2021 को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाना शुरू किया था, जो एक महत्वपूर्ण समारोह के रूप में देश में मनाया जाता है।
यह दिन एक दर्दनाक यादगारी को सलामी देता है और विभाजन के समय उठी गई यातनाओं, संघर्षों और बलिदानों की कथा को याद कराता है।
यह दिन हमें विभाजन के परिणामों और उनके प्रभाव को समझने का अवसर प्रदान करता है, साथ ही समाज में एकता, सद्भावना, और मानव सहिष्णुता की महत्वपूर्णता को याद दिलाता है।
1947 में भारत का विभाजन हिंसा, संघर्ष और सामाजिक तनाव के साथ हुआ था।
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यह स्मृति दिवस हमें विभाजन के दौरान हुई नफरत और दुर्घटनाओं की याद दिलाता है जिनसे लाखों लोग प्रभावित हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दिन को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया था, जिससे यह दिन विभाजन के पीड़ादायक परिणामों को याद दिलाने का माध्यम बन गया है।
यह दिन हमें यह सिखाता है कि हिंसा, भेदभाव और आपसी असहमति के कारण लोगों के जीवन में कैसे विच्छेद और दुख का स्रोत बन सकते हैं।
इससे हमें समाज में विविधता को स्वीकारने और उसे एकता में परिणत करने की आवश्यकता की याद दिलाई जाती है।
यह दिन हमें विभाजन के बावजूद समाज में अखंडता की महत्वपूर्णता को समझाता है और हमें एक सशक्त और एकत्रित समाज बनाने की प्रेरणा देता है।
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का महत्व यह भी है कि यह हमें विभाजन के पीड़ादायक परिणामों को दर्शाता है और हमें याद दिलाता है कि हमें अपने भूतकाल की गलतियों से सीखनी चाहिए ताकि हम उन्हें दोहराने के प्रयास कर सकें।
इस ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ पर हमें यह सोचने का मौका मिलता है कि कैसे हम अपने समाज में सद्भावना, ताक़त, और सहयोग की भावना को मजबूत कर सकते हैं।
हमें याद दिलाया जाता है कि हमें अपने समाज में दिल से मिलकर रहना है, अपने विभिन्नता को स्वीकारना है और समृद्धि के मार्ग में साथ मिलकर काम करना है।
इस दिन को मनाकर हम समाज में सामर्थ्य, समानता, और भाईचारे की महत्वपूर्णता को समझते हैं। हमें याद दिलाता है कि हमें अपने देश के विकास और समृद्धि के लिए एकत्रित होना होगा और हमें भारतीय समाज की अखंडता को सबसे महत्वपूर्ण रखना होगा।
इस ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ पर हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम भारतीय समाज में विविधता की समृद्धि के साथ सामर्थ्य, समानता और भाईचारे को बढ़ावा देंगे।
हमें समाज में भेदभाव और दुर्घटनाओं के खिलाफ लड़ना है और समृद्धि के मार्ग में एकजुट होकर काम करना है।
इस दिवस को मनाकर हम उन बहादुर लोगों को सलामी देते हैं जिन्होंने विभाजन के समय अपने प्राणों की आहुति दी और हमारे लिए एक एकत्रित और मजबूत देश की संरचना में अपना योगदान दिया।
इस दिवस को याद करके हमें उनके साहस और बलिदान का सम्मान करना चाहिए और हमें उनकी मानवीयता और साहस को आदर्श मानकर समाज में भाईचारे और सद्भावना की भावना को मजबूत करना चाहिए।
इस दिवस का महत्व है क्योंकि यह हमें विभाजन के दौरान हुई दुखद घटनाओं की याद दिलाता है और हमें समाज में एकता और मानव सहिष्णुता की महत्वपूर्णता को समझाता है।
हमें याद दिलाता है कि हमें अपने समाज में समानता और भाईचारे को मजबूत करना है और हमें विभाजन के परिणामों को समझने का प्रयास करना है ताकि हम उन्हें दोहराने के प्रयास कर सकें।
‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ का महत्व यह भी है कि यह हमें याद दिलाता है कि हमें समाज में भाईचारे और सद्भावना की भावना को मजबूत करनी चाहिए।
हमें याद दिलाता है कि हमें भेदभाव, वैमनस्य और असहमति के कारणों से होने वाली कलंकों से बचना है और हमें समाज में समानता और भाईचारे को बढ़ावा देना होगा।
इस दिन को मनाकर हमें विभाजन के दुखद परिणामों को समझने का मौका मिलता है और हमें यह सिखाता है कि हमें समाज में भाईचारे और सद्भावना की महत्वपूर्णता को समझना है।
हमें समाज में विविधता की समृद्धि के साथ सद्भावना, समानता और भाईचारे को बढ़ावा देना होगा ताकि हम एक मजबूत, सद्भावपूर्ण और एकत्रित भारत की सामर्थ्य को सबके साथ मिलकर साकार कर सकें।
इस ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ पर हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम भारतीय समाज में विविधता की समृद्धि के साथ समानता, सद्भावना और मानव सहिष्णुता को मजबूती से बढ़ावा देंगे।
हमें समाज में भेदभाव और दुर्घटनाओं के खिलाफ लड़ना है और समृद्धि के मार्ग में एकजुट होकर काम करना है।
इस दिवस को मनाकर हम उन बहादुर लोगों को सलामी देते हैं जिन्होंने विभाजन के समय अपने प्राणों की आहुति दी और हमारे लिए एक एकत्रित और मजबूत देश की संरचना में अपना योगदान दिया।
इस दिवस को याद करके हमें उनके साहस और बलिदान का सम्मान करना चाहिए और हमें उनकी मानवीयता और साहस को आदर्श मानकर समाज में भाईचारे और सद्भावना की भावना को मजबूत करना चाहिए।
इस दिवस का महत्व है क्योंकि यह हमें विभाजन के दौरान हुई दुखद घटनाओं की याद दिलाता है और हमें समाज में एकता और मानव सहिष्णुता की महत्वपूर्णता को समझाता है।
हमें याद दिलाता है कि हमें अपने समाज में समानता और भाईचारे को मजबूत करना है और हमें विभाजन के परिणामों को समझने का प्रयास करना है ताकि हम उन्हें दोहराने के प्रयास कर सकें।