स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि केंद्र सरकार हिंदी को विशेष महत्व दे रही है।
जिसके तहत न्यायपालिका और सरकारी विभागों में हिंदी के प्रयोग पर जोर दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी भाषाओं में भी पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है।
आमतौर पर यह देखा गया है कि पर्वतीय क्षेत्रों के छात्र जिनके स्कूलों में अध्ययन का माध्यम हिंदी था।
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उन्हें चिकित्सा अध्ययन करते समय समस्याओं का सामना करना पड़ता है जो विशेष रूप से अंग्रेजी में होते हैं।
हिंदी माध्यम में चिकित्सा अध्ययन की मांग समय-समय पर की जाती रही है।
उनकी मांग पर संज्ञान लेते हुए हमने अगले शैक्षणिक सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी माध्यम में भी कराने का फैसला किया है।
मंत्री ने कहा कि देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां हिंदी माध्यम में मेडिकल की पढ़ाई शुरू की गई है।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा अध्ययन में हिंदी माध्यम के पाठ्यक्रम का प्रारूप तैयार करने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
समिति की अध्यक्षता श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ सीएमएस रावत करेंगे।