उत्तराखण्ड

उत्तराखंड जोशीमठ में भू-धंसाव के गंभीर हालत होने के मिले नए संकेत, भूविज्ञानी की बड़ी चिंता:

जोशीमठ में वार्ड चार में स्थित नाले का पानी लगभग सुख रहा हैं, और इसे भूविज्ञानी जमीन के नीचे के मार्ग पर बदलने के रूप में देख रहे हैं एवं साथ ही ऐसी स्थिति को गंभीर बता रहे हैं।

जोशीमठ में नाले के अचानक सूखने को लेकर उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र के पूर्व निदेशक एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यायल के भूविज्ञान विभाग के प्रोफेसर एमपीएस बिष्ट चिंता व्यक्त करते दिख रहे हैं।

जोशीमठ में उन्होने कहा की भू-धंसाव के चलते क्षेत्र में जगह-जगह दरारें उभर रही हैं।

जोशीमठ में इससे यह पता चलता हैं की दरारों के चलते जमीन के नीचे पानी का मार्ग बदल रहा हैं।

जोशीमठ में भू-धंसाव की आपदा के बीच गंभीर खतरे के संकेत:

जोशीमठ की यह स्थिति भू-धंसाव की आपदा के बीच गंभीर खतरे दे रही हैं और बहुत संभव हैं कि इस तरह कि घटनाएं अभी और देखने को मिले और यह भी हो सकता हैं कि जलधारा एक स्थान पर सुखने के साथ कहीं और फुट पड़े।

जोशीमठ में 36 परिवारों ने छोड़ा राहत शिविर, किराये के भवनों में किया गया शिफ्ट:

जोशीमठ नगर क्षेत्र में भूधंसाव से नगर पालिका के अंतर्गत आने वाले नौ वार्डों में 863 भवनों पर दरारें मिली है।

जिसमें से 181 भवन ऐसे हैं जिनको असुरक्षित जोन के अंतर्गत रखा गया है।

राहत शिविरों में रह रहे 250 परिवारों में से 36 परिवार राहत शिविर से किराये के भवनों में शिफ्ट हो गए।

 

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