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उत्तराखंड में नया मास्टर प्लान लगाएगा इलीगल कंस्ट्रक्शन पर रोक:

"New Master Plan in Uttarakhand: New Steps to Check Illegal Construction"

750 से अधिक लोगों ने दिए ड्राफ्ट पर सुझाव, जुलाई में होगी पब्लिक हियरिंगवहीं इलीगल कंस्ट्रक्शन पर भी लगाम कसी जाएगी।

एक क्लिक पर सेटेलाइट के थ्रो संबंधित एरिया की पिक्चर कंप्यूटर स्क्रीन पर होगी। लैंडयूज के साथ ही प्रापर्टी से लेकर पूरे एरिया की लैंड हिस्ट्री सामने आ जाएगी।

इससे इलीगल कंस्ट्रक्शन जल्द पकड़ में आएंगे और इस पर त्वरित एक्शन भी लिया जाएगा।

उधर, डिजिटल ड्राफ्ट 750 से अधिक लोगों ने शिकायतें और सुझाव दिए है। इन सुझावों को मास्टर प्लान में शामिल करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।

मास्टर प्लान लागू करने से पूर्व एमडीडीए ने वार्ड स्तर पर पब्लिक हियरिंग का निर्णय लिया है। हेयरिंग के बाद जल्द ही डिजिटल मास्टर प्लान को लागू किया जाएगा।

50% सड़कों की चौड़ाई 12 मीटर से कम:

बताते चलें कि शहर में सड़क नेटवर्क करीब 500 किमी। है। इसमें से 250 किलोमीटर लंबाई की सड़कों की चौड़ाई 12 मीटर से भी कम है।

इतनी चौड़ाई किसी कालोनी में एक सिंगल यूनिट घर बनाने के लिए ही उपयुक्त मानी जाती है।

किसी कालोनी में मध्यम स्तर तक के निर्माण के लिए सड़क की चौड़ाई कम से कम 18 मीटर होनी चाहिए, जिस दून में इस तरह के निर्माण की भरमार है, वहां 65 प्रतिशत सड़कें ऐसी हैं, जो 18 मीटर से कम चौड़ी हैं।

सिर्फ 10 प्रतिशत के आसपास की ही ऐसी सड़कें हैं, जो 30 से 80 मीटर तक चौड़ी हैं। लगातार बढ़ते शहर में जाम की समस्या अब मुख्य मार्गों के इतर कॉलोनी के आंतरिक मार्गों पर भी बढ़ती जा रही है।

ट्रैफिक जाम सबसे बड़ी समस्या:

दून में रोड नेटवर्क का आंकलन करने पर पता चलता है कि सर्वाधिक 363 किमी।

रोड नगर निगम के अधीन हैं। इन्हीं के हालात सबसे अधिक खराब हैं। ऐसी सड़कों पर पार्किंग की सुविधा तो दूर फुटपाथ तक के इंतजाम नहीं हैं।

दूसरी तरफ भवन निर्माण करते समय लोग फ्रंट सेटबैक तक के नियमों का पालन नहीं करते और घर के रैंप भी सड़क तक निकले नजर आते हैं।

पीडब्लयूडी के पास 130 किमी। रोड़ है। इनकी चौड़ाई यातायात दबाव के हिसाब से कम है।

रोड कंट्रोल एक्ट का पालन नहीं:

शहर में सड़क किनारे अतिक्रमण आम हो चला है। जहां-जहां रेहड़ी-ठेलियों से लेकर कच्ची और पक्की दुकानें सड़कों पर सजी है।

इस मुख्य कारण रोड साइट लैंड कंट्रोल एक्ट का पालन न किए जाना है, जिससे सड़कों का बड़ा हिस्सा अतिक्रमण की भेंट चढ़ा है।

हालांकि विभाग इस पर काम रहा है। पीडब्ल्यूडी ने इस एक्ट के इम्लीमेंटेशन को लेकर शासन से अनुमति मांगी है। लंबे समय से यह मामला शासन स्तर पर पेंडिंग है।

दून में 10 लाख वाहन:

  • 7.76 लाख वाहन थे 2017 में.
  • 8.50 लाख वाहन 2020 में.
  • 10 लाख के पार चले गया 2023 में वाहनों की संख्या.

मास्टर प्लान और मौके पर रोड की चौड़ाई भिन्न-भिन्न:

मास्टर प्लान में तमाम सड़कों की चौड़ाई मौजूदा स्थिति से कहीं अधिक चौड़ी प्रस्तावित कर दी जाती है।

प्रस्ताव के मुताबिक सड़कों की चौड़ाई तो बढ़ नहीं पाती है, लेकिन मास्टर प्लान रोड के मुताबिक बड़े निर्माण संकरी सड़कों पर पास कर दिए जाते हैं।

इस विरोधाभासी स्थिति के कारण धरातल पर जाम की समस्या बढ़ जाती है। नए मास्टर प्लान में सड़कों की चौड़ाई को ध्यान में रखकर ही प्लान में शामिल करने के सुझाव दिए गए हैं।

12 से 60 मीटर तक चौड़ी सड़कें:

यूआरडीपीएफआई और अमृत की गाइडलाइन के अनुसार नए मास्टर प्लान में 12 मीटर से लेकर 60 मीटर तक रोड चौड़ी होनी प्रस्तावित हैं।

महायोजना-2041 की खास बातें:

  • 17916 हेक्टेयर है डेवलप्ड एरिया.
  • 6952 हेक्टेयर है अनडेवलप्ड एरिया.
  • 9872 हेक्टेयर एरिया है फॉरेस्ट.
  • 3059 हेक्टेयर कैंटोनमेंट एरिया.

प्रस्तावित प्रपोजल में शामिल:

  • 58.43 परसेंट एरिया का है आवासीय उपयोग.
  • 9.33 परसेंट है मिक्स एरिया.
  • 4 परसेंट है कमर्शियल एरिया.
  • 1 परसेंट इंडस्ट्रियल एरिया.
  • 9.42 परसेंट एजुकेशन व हेल्थ.
  • 5.98 परसेंट ग्रीन एरिया.
  • 11 परसेंट सड़कें, ट्रांसपोर्टेशन.
  • 0.34 प्रतिशत टूरिज्म.

सभी अधिकारी जी-20 के काम में लगे हैं। इससे डिजिटल मास्टर प्लान के काम में थोड़ा समय लगा है।

जुलाई में मास्टर प्लान को लेकर पब्लिक हियरिंग की जाएगी।

इसके लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है।

ड्राफ्ट पर 750 से अधिक सुझाव आई हैं, जिनका जल्द निस्तारण किया जाएगा।

 

 

 

 

 

 

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