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"सुरंग निर्माण में ह्यूम पाइप बिछाने में लापरवाही, बड़ी चूक से खतरा"

In fact, at the beginning of tunnel construction, hume pipes are laid for safety in case of emergency. This pipe is extended till the tunnel is dug.

उत्तरकाशी : सुरंग निर्माण की शुरुआत में ही आपातकाल में बचाव के मद्देनजर ह्यूम पाइप बिछाया जाता है। जहां तक टनल की खोदाई हो जाती है वहां तक इस पाइप को बढ़ाया जाता है।

सूत्रों के मुताबित, टनल में आपातकाल में बचाव के लिए ह्यूम पाइप क्यों नहीं था यह कंपनी की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाता है।

यह सीधे तौर पर निर्माण करा रही कंपनी की लापरवाही को बताता है। लेकिन, यह लापरवाही तब अपराध बन जाती है जब यह पता चलता है कि पाइप तो था मगर उसे कुछ समय पहले ही निकाल लिया गया था।

सवाल यह है कि आखिर क्यों इस पाइप को निकाला गया और किसके कहने पर, आखिर सुरंग निर्माण की शुरुआत में ही आपातकाल में बचाव के मद्देनजर ह्यूम पाइप बिछाया जाता है।

जहां तक टनल की खोदाई हो जाती है वहां तक इस पाइप को बढ़ाया जाता है। उत्तरकाशी की इस सुरंग का निर्माण लगभग पूरा हो गया था।

यहां पर भी नियमानुसार पाइप बिछाया गया था। ताकि, यदि कभी कोई ऐसा हादसा हो तो इस पाइप से मजदूर बाहर आ सकें।

यहां पर बिछे इस पाइप को कुछ समय पहले ही निकाल लिया गया था। हालांकि, इसके पीछे क्या मंशा थी इस बात का पता लगाया जा रहा है।

माना जा रहा है कि कंपनी को लगा होगा कि इस सुरंग का निर्माण लगभग पूरा हो चुका था। यही सोचकर कि अब आखिरी तराशी का काम हो रहा है तो इस पाइप को निकाल लिया गया होगा।

मगर, बहुत लोग और संगठन ह्यूम पाइप न होने पर सवाल उठा रहे हैं। इसे कंपनी की लापरवाही मान रहे हैं। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भी इस पर कंपनी को घेर चुकी है।

अब यह और भी ज्यादा बड़ा चर्चा का विषय बन गया है कि आखिर क्यों इसे निकाल लिया गया। जबकि, इस पाइप को तभी निकाला जाना चाहिए था जब सुरंग आवाजाही के लिए बिल्कुल तैयार हो जाती।

पहाड़ का यह हिस्सा हमेशा से संवेदनशील रहा है। ऐसे में किसी भी खतरे की आशंका हर वक्त बनी थी।

फिर क्यों इतनी बड़ी चूक हुई। बताया जा रहा है कि मजदूरों के बचाव के बाद इस मामले में बड़ी कार्रवाई भी हो सकती है।

 

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