केदारनाथ मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की आवाजाही शुरू : केदारनाथ पैदल मार्ग से तीर्थ यात्रियों ने आवाजाही शुरू कर दी है। अतिवृष्टि के चलते बंद हुए पैदल मार्ग घोड़े- खच्चरों के लिए 26 दिनों के भीतर ही खुल गए हैं।
आखिरकार प्रशासन की मेहनत रंग लाई और केदारनाथ पैदल यात्रा सुचारू हो गई है। मार्ग पर 31 जुलाई को अतिवृष्टि के चलते बंद हुए पैदल मार्ग घोड़े- खच्चरों के लिए 26 दिनों के भीतर ही खुल गए हैं।
यात्रा मार्ग पर घोड़े- खच्चरों की आवाजाही के साथ ही घोड़े- खच्चरों से राशन एवं अन्य अनिवार्य सामग्री की आपूर्ति भी शुरू हो गई है। केदारनाथ यात्रा सबसे ज्यादा पैदल मार्ग और घोड़े- खच्चरों पर ही आश्रित है। ऐसे में यात्रा के लिए ये सुखद और अच्छी खबर है।
प्रदेश सरकार की अनुमति पर ट्रांस भारत और हिमालयन एविएशन कंपनी से हेली सेवा संचालित की जा रही है। केदारनाथ धाम के लिए गुप्तकाशी, सेरसी, फाटा से नौ कंपनियों के माध्यम से हेली सेवा संंचालित की जाती है, लेकिन मानसून सीजन में केदारघाटी में भारी बारिश व मौसम खराब रहने से कंपनियां हेली सेवा का संचालन बंद रखा। जो कि 15 सितंबर से अन्य कंपनियां भी हेली सेवा शुरू करेंगी।
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बता दें कि 31 जुलाई की रात केदारनाथ पैदल मार्ग पर आई त्रासदी के कारण जगह-जगह ध्वस्त हो गया था। जिसके बाद सबसे पहली प्राथमिकता के तहत पैदल मार्ग से तीर्थ यात्राओं को सुरक्षित निकाला गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की निगरानी और डीएम सौरभ गहरवार के नेतृत्व में चले रेस्क्यू अभियान में हजारों श्रद्धालुओं एवं स्थानीय जनता को हेली सेवा के साथ पैदल आवाजाही से उनकी जान को बचाया गया।
इसके बाद प्रशासन की ओर से पैदल मार्ग को तेजी के साथ दुरुस्त करने की चुनौती थी। इस चुनौती को भी जिला प्रशासन ने पार पा लिया जिसके बाद मार्ग को घोड़ा खच्चर संचालन के लिए भी दुरुस्त कर लिया गया है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि आपदा से 19 किलोमीटर पैदल मार्ग 29 जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया था। जिलाधिकारी के निर्देशन एवं निगरानी में तेजी से काम होने के चलते पैदल मार्ग के बाद घोड़े खच्चरों की आवाजाही भी शुरू हो गई है।