क्या कानून की आँखों पर बंधी है पट्टी? महिलाएं खौफ में
An atmosphere of unrest and tension across the country: People took to the streets, anger erupted over rape cases.
कानून की आँखों पर बंधी है पट्टी? : देशभर में इस वक्त अशांति और तनाव का माहौल है लोग सड़कों पर उतरे हुए हैं, एक के बाद एक रेप के मामले सामने आए, उनको लेकर लोगो में आक्रोश है। कोलकाता में हुए डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद हर कोई दंग है , लोगो के ज़हन में निर्भया केस का मंज़र एक बार फिर उतर आया है।
अब बड़ा सवाल ये है कि आखिर निर्भया के बाद कितना बदला देश
आज से लगभग 11 साल पहले, 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में हुई निर्भया गैंगरेप की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस घटना के बाद हमारे समाज और कानून व्यवस्था में कितने बदलाव आए आइए जानते है। निर्भया के बलात्कार और हत्या के बाद पूरे देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। जनता की मांग थी कि कठोर कानून और सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाये दोबारा न हो ।
इस दबाव के चलते कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए ,निर्भया केस के बाद 2013 में ‘निर्भया अधिनियम’ पारित हुआ। इस कानून में बलात्कार और यौन हिंसा से संबंधित अपराधों की परिभाषा को स्पष्ट किया गया और सजा को और कठोर बनाया गया। इसके अंतर्गत बलात्कार के मामलों की फास्ट ट्रैक अदालतों में सुनवाई की व्यवस्था की गई पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी भी बढ़ गई ,लेकिन इन सभी सुधारों के बावजूद, हमारे समाज में कोई वास्तविक बदलाव नहीं आया है। महिलाएं अभी भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करती । आइए जान लेते है की 2012 के बाद कितने ऐसे बलात्कार के केस सामने आए है।
साल – बलात्कार के मामलों की संख्या
- 2012 : 24,923
- 2013 : 33,707
- 2014 : 36,735
- 2015 : 34,651
- 2016: 38,947
- 2017: 32,559
- 2018: 33,356
- 2019: 32,033
- 2020: 28,046
- 2021: 31,021
- 2022: 32,406
- 2023 : 14,000
पश्चिम बंगाल के बाद अब उत्तराखंड में एक महिला का रेप कर उसकी हत्या का मामला भी सामने आया। पीड़िता एक प्राइवेट अस्पताल में नर्स थी। इस घटना के कुछ दिन बाद ही 13 अगस्त को देहरादून के आईएसबीटी में पंजाब की एक किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया। असम के नागांव जिले में भी गुरुवार शाम तीन दरिंदों ने एक मासूम को अपनी हवस का शिकार बना दिया। दसवीं कक्षा की एक छात्रा के साथ तीन लोगों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया और उसे बेहोशी की हालत में छोड़ दिया।
निर्भया गैंग रैप के बाद देश में बलात्कार के मामलो में और ज़ादा वृद्धि हुई है तो आखिर हमारे देश की कानून व्यवस्था कैसी है जहा ऐसे अपराधों को रोका नहीं जा रहा है। देश की महिलाओं के साथ आए दिन अपराध हो रहे है महिलाएं बाहर जाने से डर रही है , लेकिन इसे लेकर हमारे समाज में न ही जागरूकता है और न ही कोई कड़े कानून। आखिर कब रुकेगा ये अपराध का सिलसिला और कब होगी नारियाँ सुरक्षित।