पुलवामा हमला 2019 में हुआ था, जब जैश के आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले को अंजाम दिया।
इसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए.पाकिस्तान भारत के दुश्मनों का पनाहगाह रहा है, ये बात किसी से छिपी नहीं है।
मगर पिछले कुछ सालों में पड़ोसी मुल्क में एक-एक कर भारत के दुश्मनों का खात्मा हो रहा है. खबर आती है कि किसी अनजान शख्स ने किसी आतंकी या अलगाववादी को मौत की नींद सुला दिया।
वहीं, अब ब्रिटिश अखबार गार्जियन ने दावा किया है कि पाकिस्तान में हो रहीं भारतीय दुश्मनों की हत्याओं के पीछे भारत की खुफिया एजेंसी ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग’ (रॉ) का हाथ है।
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प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के पास ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग’ का सीधा कंट्रोल है. यही वजह है कि गार्जियन की रिपोर्ट में दावा किया गया है पड़ोसी मुल्क में हत्या का ऑर्डर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑफिस से आ रहा है।
भारत और पाकिस्तान के खुफिया अधिकारियों के हवाले से लिखी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि 2019 में हुए पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान में हत्याओं का सिलसिला बढ़ गया है।
अज्ञात हमलावरों ने 2020 से अब तक 20 लोगों को मौत के घाट उतारा है।
पुलवामा हमले के बाद बदला RAW के एक्शन का तरीका
दो भारतीय खुफिया अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि रॉ ने पुलवामा हमले के बाद विदेशों में छिपे दुश्मनों के खात्मे पर जोर देना शुरू किया।
पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने 14 फरवरी, 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया।
इस अटैक में 40 जवान शहीद हो गए थे. पुलवामा हमले की वजह से भारत-पाकिस्तान के रिश्ते इतने ज्यादा तनावपूर्ण हो गए थे कि युद्ध की नौबत आ पड़ी।
पाकिस्तान में घुसकर मारने का बना प्लान
एक भारतीय खुफिया अधिकारी ने बताया, “पुलवामा के बाद देश के बाहर मौजूद ‘दुश्मनों’ के हमला करने या कोई गड़बड़ी पैदा करने से पहले उन्हें निशाना बनाने का दृष्टिकोण पैदा हुआ।
हम हमलों को रोक नहीं सकते थे, क्योंकि उनका सुरक्षित ठिकाना पाकिस्तान में था, इसलिए हमें खुद ही उन तक पहुंचना पड़ा।
अधिकारी ने आगे बताया कि इस तरह के ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए सरकार के सबसे उच्चतम स्तर से मंजूरी की जरूरत होती है।
मोसाद और केजीबी से ली प्रेरणा
अधिकारी ने बताया कि भारत ने इजरायल की मोसाद और रूस की केजीबी जैसी खुफिया एजेंसियों से प्रेरणा ली है, जो विदेशों में दुश्मनों को ठिकाना लगाने में माहिर हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान में बैठे दुश्मनों को खत्म करने का प्लान बनाते समय रॉ के अधिकारियों ने सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या का भी हवाला दिया।