कोरोनेशन अस्पताल के आईसीयू में प्रबंधन के एक फैसले ने मरीजों एवं इमरजेंसी के डाक्टरों को मुश्किल में डाल दिया है। इमरजेंसी के डाक्टरों की ड्यूटी बिना आईसीयू की ट्रेनिंग के ही आईसीयू में लगा दी गई है। डाक्टर इस मुश्किल में है कि वह मरीज की हालत बिगड़ने पर कैसे संभालेंगे। वहीं मरीज की मुश्किल यह है कि वह बिना प्रशिक्षित डाक्टरों की देखरेख में यहां भर्ती हो रहा है। ऐसे में उनकी जान पर भी खतरा बना है। उधर, विशेषज्ञों के मुताबिक आईसीयू में ड्यूटी करने वाले डाक्टर या स्टाफ को आईसीयू के लिए ट्रेंड होना जरूरी है।
इमरजेंसी के छह ईएमओ डा. दीपक गहतोड़ी, डा. मनीष शर्मा, डा. गौरांग जोशी, डा. आयुषी कंडारी, डा. प्रखर गर्ग, डा. समृद्धि नौटियाल की शिफ्टवार ड्यूटी इमरजेंसी के साथ आईसीयू में भी लगा दी गई है। इमरजेंसी के साथ उन्हें आईसीयू ड्यूटी करने पर परेशानी उठानी पड़ रही है। इनमें से चार डाक्टरों ने अपना पक्ष अफसरों के सामने रखा है। उन्होंने उनको आईसीयू के लिए ट्रेंड न होने की बात कही है। वहीं किसी तरह की अनहोनी होने पर भी जिम्मेदारी से हाथ खड़े किए हैं। उधर, एनेस्थीसिया के डाक्टर डा. मनु जैन, डा. संजीव कटारिया, डा. एनएस तोमर, डा. एसपीएस नेगी, डा. एनके अग्रवाल सामान्य ओटी और गायनी ओटी में व्यस्त रहते हैं। उनके साथ दिक्कत यह है कि ओटी के साथ आईसीयू में कैसे कवर करेंगे। वहीं ऑन कॉल उनकी ड्यूटी लगाई गई है।
आईसीयू में नहीं मिला कोई डाक्टर
गुरुवार दोपहर को जब हिन्दुस्तान ने आईसीयू का जायजा लिया। कोई डाक्टर यहां नहीं था। वरिष्ठ फिजीशियन डा. एनएस बिष्ट के अंडर दो, बर्न एवं रिकंस्ट्रक्टिव सर्जन डा. कुश एरन के अंडर एक मरीज भर्ती है। डा. बिष्ट एक मरीज की इको और डा. एरन एक मरीज की ड्रेसिंग कराकर निकले हैं। नर्सिंग अधिकारी और तीमारदार मरीजों की देखरेख में जुटे थे।
एनेस्थीसियोलॉजिस्ट मांगा, ईएमओ को ट्रेनिंग देंगे
प्रभारी पीएमएस डा. आरसीएस पंवार ने कहा कि सुबह के वक्त एनेस्थीसियोलॉजिस्ट ओटी में रहते हैं, वहीं से मरीजों की मॉनीटरिंग करते हैं। आईसीयू संचालन को महानिदेशालय और मंत्री स्तर पर वार्ता कर एक एनेस्थीसियोलॉजिस्ट मांगा गया है। ईएमओ 24 घंटे रहते हैं, उन्हें ट्रेनिंग दिलाई जा रही है। एनेस्थीसिया के डाक्टरों को ऑन कॉल भी रखा गया है।
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